Diabetic Foot Care : डायबिटीज एक गंभीर बीमारी है जो न सिर्फ फिजिकल हेल्थ (Health) पर असर डालती है, बल्कि यह कई बॉडी पार्ट्स के काम करने के तरीके को भी प्रभावित कर सकती है. डायबिटीज के कारण (Diabetes ke karan) सबसे ज्यादा खतरा पैरों को होता है, क्योंकि यह बीमारी नसों को नुकसान पहुंचा सकती है और ब्लड सर्कुलेशन को कमजोर कर सकती है. जिससे डायबिटीज से पीड़ित लोगों (Diabetes ke Rogi) में अक्सर पैरों से जुड़ी समस्याएं देखने को मिलती हैं. यहां हम जानेंगे कि कैसे आप अपने पैरों की देखभाल (Pairo ki Dekhbhal) कर सकते हैं और डायबिटीज में पैरों (Sugar ka rog) से जुड़ी समस्याओं से बच सकते हैं.
डायबिटीज के मरीज के लिए पैरों की देखभाल | Diabetes Foot Care Tips
ब्लड शुगर पर रखें ध्यान :
ब्लड शुगर पर कंट्रोल पैरों की सेहत के लिए बहुत जरूरी है. जब ब्लड शुगर अनियंत्रित रहता हैए तो पैरों की नसें कमजोर पड़ सकती हैं और पैर में सेंस्टिविटी कम हो सकती है. इससे आपको छोटे. मोटे घाव या चोट का एहसास नहीं पाता है. जिससे चोट का पता चलने में देर हो सकती है और घावों का इलाज सही समय पर नहीं हो पाता. इसके अलावाए डायबिटीज के कारण आपकी स्किन भी ड्राई हो सकती है, जिससे पैरों की एड़ियां फटने का रिस्क बढ़ जाता है.
डायबिटीज से संबंधित पैर की केयर | Diabetes Foot Care Guidelines
1. अपने पैरों को रोज़ धोएं और सूखा रखें
पैरों की अच्छी तरह से देखभाल करने के लिए उन्हें साफ रखना जरूरी है लेकिन ध्यान रहे उन्हें लंबे समय तक पानी में डुबोकर न रखें. इससे आपकी स्किन ड्राय हो सकती है.
पैरों की देखभाल की अन्य टिप्स:
- माइल्ड साबुन और गर्म पानी का इस्तेमाल करें.
- अपनी स्किन को थपथपाकर सुखाएं, रगड़ें नहीं. अपने पैरों को अच्छे से सूखा लें.
- धोने के बाद अपने पैरों पर लोशन या पेट्रोलियम जेली लगाएं ताकि दरारें न हों.
- अपने मोजे और जूते पहनने से पहले अपने पैरों पर नॉन मेडिकल पाउडर छिड़कें ताकि आपके पैरों को सूखा रखा जा सके.
- सर्दियों में, ठंडी हवा और सेंट्रल हीटिंग आपकी स्किन को ड्राई कर सकती है. पैरों की एक्स्ट्रा केयर करें और अपने पैरों को मॉइश्चराइज रखें और उन्हें गर्म रखें. अगर आपके पैरों को ठंड लगती है तो सोते समय मोज़े पहनें.
2. अपने पैरों को हर दिन चेक करें | Pairo me Diabetes ke Lakshan
अपने पैरों के ऊपरी और निचले हिस्से को ध्यान से देखें. अगर आप उन्हें देख नहीं सकते हैं, तो आईने का इस्तेमाल करें या किसी और की मदद से चेक करवाएं.
- हर दिन एक निश्चित समय पर अपने पैरों को चेक करें.
- पैरों को चेक करने के लिए अच्छी लाइट का इस्तेमाल करें ताकि आप किसी भी समस्या को पहचान सकें.
- अपने पैरों, उंगलियों और एड़ियों में सूखापनए दरारें या अन्य समस्याओं को देखें.
- फफोले, कट, खरोंच, चोट, घाव या सोर देखें.
- उंगलियों के बीच किसी भी चोट या फंगल इन्फेक्शन को चेक करें.
- जब आप किसी जगह को छूते हैं तो रेडनेसए बढ़ी हुई गर्मी या सॉफ्टनेस को देखें.
- इनग्रोन नाखून, कॉलस और कॉर्न की जांच करें.
- अगर आपको अपने जूते से कोई फफोला या घाव हो गया हैए तो उसे फोड़ें नहीं. उस पर एक पट्टी लगाएं और एक जोड़ी अलग जूते पहनें.
3. अपने नाखूनों की देखभाल करें | Diabetes me Pairo ki dekhbhal kaise kare
नहाने के बाद जब नाखून नर्म होते हैं. तब अपने नाखून काटें. उन्हें सीधे काटें, फिर नेल फाइलर से शेप दें. उंगलियों के कोनों को काटने से बचें. नाखूनों के कोने को स्किन में न बढ़ने दें. इससे इनग्रोन नाखून हो सकते हैं. आप चाहें तो एक नेल टेक्नीशियन या पोडियाट्रिस्ट से यह काम करवा सकते हैं. अगर आप नैल सैलून से पेडीक्योर करवाते हैं, तो अपने खुद के नाखूनों के इक्यूपमेंट्स साथ लाएं. क्यूटिकल्स न काटें. नाखूनों के नीचे साफ करने या कॉलस हटाने के लिए कोई नुकीली चीज का इस्तेमाल न करें.
4. एक्सरसाइज करते समय अपने पैरों की सेफ्टी का ध्यान दें | Diabetes ke liye Best Exercises
नियमित रूप से एक्सरसाइज करें ताकि आपके ब्लड सर्कुलेशन को हेल्दी रखा जा सके. रेगुलर एक्सरसाइज आपके वजन को घटाने में भी मदद कर सकता है. हर दिन कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज करने का टारगेट रखें. आरामदायक जूतों में चलें और एक्सरसाइज करें. अगर आपके पैरों में खुले घाव हैं, तो एक्सरसाइज न करें. इससे दूसरी समस्याओं को भी रोकने में मदद मिल सकती है जैसे:
- मोबिलिटी की प्रॉब्लम
- कमजोर मांसपेशियां
- बैलेंस की प्रॉब्लम
- चलने या खड़े होने में बदलाव
- पैरों में नर्व डैमेज, पेरिफेरल न्यूरोपैथी.
5. जूते और मोज़े से अपने पैरों की रक्षा करें :
कभी भी नंगे पैर न चलें या सिर्फ मोज़े में न चलें. इससे आपको कांच के टुकड़ेए कांटे या छोटी.छोटी चीज़ों के चुभने का रिस्क बढ़ सकता है. जिससे आपको ब्लड आ सकता है. हमेशा जूते- चप्पल पहनकर रखें. मौसम के प्रभाव जैसे ठंड और नमी से अपने पैरों की सुरक्षा के लिए जूते या बूट पहनें. हाई हील वाले और नैरो टो वाले जूते न पहनें. ऐसे जूते पहनने से बचें जो आपके पैरों या एड़ियों को नुकसान पहुंचाएं.
ध्यान रखें :
- आप हर दिन मोज़े बदलें. इसके अलावा नेचुरल फाइबर का इस्तेमाल करें जैसे. कॉटन, वूल, या कॉटन. वूल का मिश्रण.
- ऐसे मोज़े न पहनें जिनमें लिमिट्स हों जो आपकी स्किन से रगड़कर फफोले बना सकती हैं.
- साथ ही तंग मोज़े पहनने से बचें. नए फुटवियर को अपने आम मोज़ों के साथ पहनकर देखें.
- नए जूते एक घंटे से अधिक समय तक न पहनें.
- अपने जूते पहनने से पहले उनको अंदर से अच्छी तरह चेक करें ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसमें कोई खुरदुरी जगह या कुछ भी ऐसा न हो जो आपके पैरों को चोट पहुंचाए.
- डॉक्टर की सलाह से जूते पहनें. जब आपके जूते घिसने लगे, जैसे एक तरफ से एड़ी घिसी हो या वो फटा होए तो उन्हें तुरंत बदलें.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)