World Asthma Day 2025: अस्थमा एक पुरानी सांस से जुड़ी बीमारी है, जिसमें फेफड़ों की वायु नलिकाएं संकुचित यानि सिकुड़ जाती हैं और सांस लेने में कठिनाई होती है. हालांकि, सही देखभाल और सावधानियों से अस्थमा के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है. अगर आप या आपके परिवार में कोई अस्थमा से पीड़ित है, तो रोजमर्रा की आदतों में कुछ बदलाव करके इस समस्या को कंट्रोल में रखा जा सकता है. आइए जानते हैं अस्थमा के खतरे को कम करने के 5 तरीके, ताकि सांस से जुड़ी परेशानियों को दूर किया जा सके.
अस्थमा से बचने के लिए क्या करना चाहिए? (What Should Be Done To Avoid Asthma?)
1. धूल और प्रदूषण से बचाव करें
घर को साफ-सुथरा रखें. घर में धूल जमा न होने दें और रेगुलर सफाई करें. बाहर जाते समय मास्क पहनें. प्रदूषण और परागकण से बचने के लिए मास्क का इस्तेमाल करें. एयर प्यूरिफायर का उपयोग करें. कमरे की हवा को शुद्ध रखने के लिए एयर प्यूरिफायर लगाएं. जानवरों के रोएं से बचें. अगर आपको पालतू जानवरों से एलर्जी होती है, तो उनसे दूरी बनाए रखें.
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2. हेल्दी डाइट अपनाएं
ओमेगा-3 फैटी एसिड लें. मछली, अखरोट और अलसी के बीज से अस्थमा के लक्षण कम किए जा सकते हैं. विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर डाइट लें. नींबू, संतरा, आंवला और हरी सब्जियां श्वसन तंत्र को मजबूत करती हैं. हल्दी और अदरक का सेवन करें. ये प्राकृतिक रूप से सूजन कम करने में मदद करते हैं. ज्यादा तला-भुना और प्रोसेस्ड फूड से बचें. अनहेल्दी फूड अस्थमा के दौरे को बढ़ा सकता है.
3. रेगुलर एक्सरसाइज और ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें
प्राणायाम और योग करें. अनुलोम-विलोम, कपालभाति और डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज अस्थमा को कंट्रोल करने में मदद करते हैं. हल्का कार्डियो एक्सरसाइज करें. तेज चलना, साइकलिंग और हल्की स्ट्रेचिंग से फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है. बहुत ज्यादा व्यायाम से बचें. जरूरत से ज्यादा एक्सरसाइज करने से सांस लेने में मुश्किल हो सकती है, इसलिए संतुलित रूप से व्यायाम करें.
4. तनाव को कम करें
ध्यान मानसिक शांति बनाए रखने के लिए ध्यान और योग फायदेमंद हैं. पर्याप्त नींद लें – 7-8 घंटे की अच्छी नींद से शरीर और सांस प्रणाली बेहतर काम करती है. सकारात्मक सोच अपनाएं. तनाव और चिंता से बचने के लिए रिलैक्सिंग एक्टिविटी करें.
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5. सही दवा और मेडिकल सलाह लें
डॉक्टर से नियमित जांच कराएं. समय-समय पर फेफड़ों की क्षमता की जांच करवाएं. इन्हेलर का सही उपयोग करें. डॉक्टर की सलाह के अनुसार इनहेलर का इस्तेमाल करें. नेबुलाइजर थेरेपी अपनाएं. गंभीर मामलों में डॉक्टर की सलाह पर नेबुलाइज़र का प्रयोग करें. एलर्जी टेस्ट करवाएं. अगर कोई चीज अस्थमा को ट्रिगर करती है, तो एलर्जी टेस्ट से उसका पता लगाया जा सकता है.
अस्थमा को पूरी तरह ठीक करना संभव नहीं है, लेकिन सही बचाव, खानपान और लाइफस्टाइल सुधार से इसे कंट्रोल किया जा सकता है. इन 5 उपायों को अपनाकर आप अपनी सांस से जुड़ी समस्याओं को काफी हद तक कम कर सकते हैं और हेल्दी लाइफ जी सकते हैं.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)