Holi 2021 Special: सबसे रंगीन भारतीय त्योहारों में से एक होली है, जो हर किसी का पसंदीदा त्योहार है. रंगों को एक-दूसरे पर फेंकना, मिठाई और अन्य व्यंजनों पर झूमना, घर वापस आना और आपकी त्वचा से सभी रंगों को हटाने की कोशिश करना, यह सभी रंगों के इस त्यौहार के साथ आने वाली मस्ती और आनंद का एक हिस्सा है. होली 2021 (Holi 2021) लोग एक-दूसरे पर रंग डालते हैं, जो आम तौर पर एक मजेदार खेल होता है. लेकिन फिर, इस त्योहार के हमेशा दो पक्ष होते हैं. एक ओर आप इसका पूरा आनंद ले सकते हैं. लेकिन अगर आप कैमिकल आधारित रंगों का इस्तेमाल करते हैं, तो आप मुंहासे, एलर्जी या सूजन को बढ़ावा दे रहे हैं. डॉक्टर एन.के. शर्मा डायरेक्टर रेकी हीलिंग फाउंडेशन, से जानते हैं उन दस कारणों के बारे में कि किस तरह यह त्योहार आपकी त्वचा और स्वास्थ्य सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है और बचाव के उपाय क्या हैं...
1. रासायनिक सॉल्वैंट्स और जहरीले एजेंटों की मदद से किए गए सस्ती, कृत्रिम और चमकीले रंगों का इस्तेमाल खतरनाक हो सकता है. ऑक्साइड, पारा सल्फाइट और कॉपर सल्फेट जैसे तत्व आंखों, त्वचा और फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकते हैं. डॉक्टर शर्मा के अनुसार, जैविक और घर के बने रंगों के साथ त्योहार का आनंद लेना ही सही हैं.
2. रंगों के संपर्क में आने से आंखों में संक्रमण और अस्थायी अंधापन हो सकता है. कॉपर सल्फेट, जो कुछ रंगों में मौजूद है, आंखों के लिए बहुत खतरनाक हो सकता है.
3. सिल्वर रंग जो लोकप्रिय हो गया है, उसमें कैंसर पैदा करने वाले रसायन हो सकते हैं, जिससे त्वचा कैंसर हो सकती है.
4. रंगों में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के रसायन त्वचा के लिए कठोर होते हैं और त्वचा पर चकत्ते, सूखापन, मुंहासे और सूजन पैदा करते हैं.
5. लीड ऑक्साइड, जो काले रंग में मौजूद है, आपके गुर्दे को नुकसान पहुंचा सकता है और यहां तक कि गुर्दे के फेलियोर का कारण बन सकता है.
6. जहां तक बालों का सवाल है, वहां संभावना है कि आप सूखी स्केल्प, सूखापन अनुभव कर सकते हैं. इससे त्वचा में खुजली और जलन हो सकती है.
7. रंग अक्सर सिलिका, कांच और अन्य पदार्थों से बने होते हैं जो आपकी त्वचा और आंखों को नुकसान पहुंचा सकते हैं. कार्बनिक रंगों के लिए जाएं जो त्वचा के अनुकूल हैं और जिनमें कोई रसायन नहीं है.
8. गर्भवती महिलाओं को रंगों के संपर्क में होने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे भ्रूण की असामान्यता जैसी कई जटिलताएं हो सकती हैं.
9. अस्थमा और फेफड़ों की भीड़ अन्य जटिलताएं हैं, जो इन रंगों के हानिकारक प्रभावों में से कुछ हैं.
10. रंगों के अत्यधिक उपयोग से त्वचा को अपरिवर्तनीय क्षति हो सकती है, इसलिए हमेशा इसके बारे में सावधान रहना चाहिए.
इस तरह बचें
- सूखे रंगों का इस्तेमाल करें.
- घर पर रंग तैयार करें. आप हल्दी में बेसन मिलाकर रंग तैयार कर सकते हैं.
- लाल रंग बनाने के लिए गुड़हल के फूलों का इस्तेमाल करें. या आप चाहें तो हर्बल गुलाल का इस्तेमाल कर सकते हैं.
- त्योहार को खुशहाल और सुरक्षित बनाएं. उससे कोई बुरी याद न जोड़ें.
- होली खेलने से पहले बालों और त्वचा पर नारियल का तेल लगा लें.
- अगर, आप त्वचा विशेषज्ञ के पास नियमित रूप से आने-जाने से बचना चाहते हैं तो रासायनिक रंगो को इस्तेमाल न करके आर्गेनिक या घर में बने रंगो को इस्तेमाल करें और अपने साथ दूसरों के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखें.
(यह लेख डॉक्टर एन.के. शर्मा डायरेक्टर रेकी हीलिंग फाउंडेशन, से बातचीत पर आधारित है.)