एचआईवी (HIV) की रोकथाम के लिए दुनियाभर में चल रहे प्रयासों पर कोविड-19 (COVID-19) महामारी ने बुरा असर डाला है. एचआईवी की टेस्टिंग से लेकर रोकथाम में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है. इससे एचआईवी के कारण मरने वालों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है. दरअसल, कोरोनावायरस को फैलने से रोकने के लिए दुनियाभर में लगाए गए लॉकडाउन ने पब्लिक हेल्थकेयर सिस्टम को कई तरीकों से प्रभावित किया. इससे उन देशों में गंभीर चुनौतियां खड़ी हो गईं, जहां एचआईवी (HIV) के मामले ज्यादा थे. अब तक एचआईवी का कोई टीका नहीं बना है इसलिए संक्रमितों को जिंदा रखने के लिए एंटी रेट्रो वायरल ट्रीटमेंट की जरूरत पड़ती है.
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HIV टेस्टिंग और इलाज की संख्या घटी:
पिछले साल ग्लोबल फंड ने एक रिपोर्ट जारी की थी जिसके अनुसार 2019 के मुकाबले, 2020 में HIV की रोकथाम और इलाज कराने वालों की संख्या में 11% की कमी आई है. वहीं HIV टेस्टिंग में 22% की कमी देखने को मिली. दुनियाभर के वैज्ञानिकों ने कोविड-19 पर फोकस किया है इससे HIV प्रोग्राम्स को चोट पहुंची है और इससे संक्रमित लोगों का खतरा और बढ़ गया है. कोविड-19 महामारी ने एचआईवी की रोकथाम के प्रयासों पर विराम सा लगा दिया है.
एचआईवी संक्रमण में क्या होता है? (What Happens In HIV Infection)
ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस बॉडी सेल्स पर सीधा हमला करता है. खासकर ऐसी सेल्स पर जो शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद करती है. इसके कारण बॉडी अन्य संक्रमणों और बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाती है. इम्यूनिटी घट जाती है. अगर किसी मरीज को एचआईवी का संक्रमण होता है तो उसके कुछ ही हफ्तों के भीतर बुखार, गले में खराश और थकान, फ्लू जैसे लक्षण हो सकते हैं. जब यह एड्स में तब्दील हो जाता है तो मरीज में वजन कम होने लगता है, कोई भी संक्रमण आसानी से ठीक नहीं होता. ये मौत का कारण बनता है.
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