Common Breast Cancer Myths: हाल ही में एक्ट्रेस हिना खान (Hina Khan) की ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) की खबर ने उनके फैंस को हिला कर रख दिया है. हांलाकि हिना के पहले भी कई सितारों ने इस बीमारी का सफलता पूर्वक ना केवल सामना किया बल्कि लोगों के लिए मिसाल भी कायम की. इन सितारों में महिमा चौधरी और ताहिरा कश्यप का नाम भी शामिल है. दुनियाभर में हर साल सामने आने वाले नए कैंसर के मामलों में तकरीबन 13 फीसदी मामले स्तन कैंसर के होते हैं, जो इसे दुनिया का सबसे कॉमन कैंसर बनाते हैं.
दुनिया के तकरीबन हर देश में स्तन कैंसर के मामले सामने आते हैं. साल 2022 में 185 देशों कर सुची में से 157 देशों में ब्रेस्ट कैंसर सबसे आम कैंसर था. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 2022 में स्तन कैंसर से दुनियाभर में छह लाख 70 हजार मौतें हुईं. भारत की बात करें, तो हमारे देश में स्तन कैंसर के मामले पिछले कुछ दशकों में तेजी से बढ़े हैं और इसके साथ ही तेजी से फैल रहे हैं कैंसर से जुड़े मिथ्स भी.
ब्रेस्ट कैंसर एक गंभीर बीमारी है जिसके रोकथाम के लिए लोगों को जागरूक करना बेहद जरूरी है. सही समय पर लक्षणों को पहचान कर समय रहते उचित इलाज के जरिए इस गंभीर बीमारी को मात दिया जा सकता है. कैंसर के लास्ट स्टेज में पहुंच जाने पर बीमारी से उबर पाने की संभावना कम हो जाती है. भ्रांतियों की वजह से कई बार लोगो गलत दिशा में सोचने और कदम बढ़ाने लगते हैं, इसलिए किसी भी विषय में सही जानकारी होना बहुत जरूरी है. ब्रेस्ट कैंसर को लेकर भी लोगों में कई भ्रांतियां है जिस वजह से कई बार इलाज में देरी हो जाती है. आज हम आपको उन्हीं मिथकों और उनसे जुड़े तथ्यों की जानकारी देंगे.
ब्रेस्ट कैंसर से जुड़े मिथक (Common Breast Cancer Myths)
मिथक: टाइट या अंडरवायर ब्रा पहनने से बढ़ जाता है ब्रेस्ट कैंसर का खतरा
सच्चाई: ब्रेस्ट कैंसर को लेकर यह सबसे प्रचलित मिथक है. हालांकि, इस बात में जरा भी सच्चाई नहीं है. किसी भी रिसर्च या स्टडी में ब्रा और ब्रेस्ट कैंसर के बीच कोई भी संबंध नहीं पाया गया है. टाइट या अंडरवायर ब्रा से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ने के दावे का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है.
मिथक: ब्रेस्ट कैंसर पीड़ितों में हमेशा पाई जाती है गांठ
सच्चाई: ब्रेस्ट में होने वाला प्रत्येक गांठ का कारण ब्रेस्ट कैंसर नहीं होता है. साथ ही ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित हर मरीज स्तन में गांठ महसूस नहीं करता है. खासतौर पर ब्रेस्ट कैंसर के शुरूआती स्टेज में गांठ नहीं नजर आते हैं. लेकिन अगर आपको गांठ महसूस होता है तो उसे बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें और फौरन डॉक्टर से संपर्क करें.
मिथक: ब्रेस्ट इम्प्लांट्स से बढ़ जाता है स्तन कैंसर का खतरा
सच्चाई: रिसर्च के मुताबिक, ब्रेस्ट इम्प्लांट और स्तन कैंसर के बीच कोई कनेक्शन नहीं है. हालांकि, ब्रेस्ट इम्प्लांट की वजह से मैमोग्राम के जरिए स्तन कैंसर का पता लगाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है. ऐसे केस में ब्रेस्ट टिश्यू की पूरी जांच के लिए एक्स-रे जरूरी होता है.
मिथक: पुरूषों को नहीं होता है ब्रेस्ट कैंसर
सच्चाई: पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर आम नहीं है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उन्हें स्तन कैंसर नहीं हो सकता है. पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर का पता आमतौर पर गांठ महसूस होने के बाद चलता है.
मिथक: फैमिली हिस्ट्री नहीं है तो नहीं होगा ब्रेस्ट कैंसर
सच्चाई: ब्रेस्ट कैंसर सिर्फ और सिर्फ जेनेटिक कारणों से नहीं होते हैं, स्तन कैंसर के लिए कई और कारक भी जिम्मेदार होते हैं. इसी वजह यह धारणा बिल्कुल गलत है. ब्रेस्ट कैंसर के ज्यादातर केस में जेनेटिक कारक जिम्मेदार नहीं होते हैं. डॉक्टर्स महिलाओं को 40 साल की उम्र पार करने के बाद वार्षिक मैमोग्राम करवाने की सलाह देते हैं.
Breast Cancer से दुनियाभर में 6.7 लाख मौतें: WHO | NDTV India
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)