भारत में सिर और गर्दन के कैंसर के मामले बढ़े, सबसे ज्यादा खतरे में युवा : विशेषज्ञ

भारत में सिर और गर्दन के कैंसर के मामलों में उछाल देखा जा रहा है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया कि अनुमान है कि 2040 तक कैंसर के नए मामलों की संख्या 2.1 मिलियन तक पहुंच जाएगी

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
भारत में बढ़ रहा सिर और गर्दन के कैंसर का खतरा.

भारत में सिर और गर्दन के कैंसर के मामलों में उछाल देखा जा रहा है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया कि अनुमान है कि 2040 तक कैंसर के नए मामलों की संख्या 2.1 मिलियन तक पहुंच जाएगी. विश्व सिर और गर्दन कैंसर दिवस (वर्ल्ड हेड एंड नेक कैंसर डे) पर विशेषज्ञों ने कहा कि सिर और गर्दन के कैंसर के मामलों में वृद्धि एक गंभीर चेतावनी है. हमें इसके कारणों को समझने और रोकथाम के लिए प्रभावी उपाय करने की जरूरत है. दिल्ली स्थित गैर सरकारी संगठन 'कैंसर मुक्त भारत फाउंडेशन' के एक नए शोध में पता चला है कि भारत में कैंसर के मरीजों में से लगभग 26 प्रतिशत सिर और गर्दन के कैंसर से ग्रस्त हैं.

भारत में कैंसर मुक्त भारत अभियान का नेतृत्व कर रहे वरिष्ठ ऑन्कोलॉजिस्ट आशीष गुप्ता ने आईएएनएस को बताया, ''देश में सिर और गर्दन के कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, खासकर युवा पुरुषों में. इसका मुख्य कारण तंबाकू का सेवन और ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) है. लगभग 80-90 प्रतिशत मुंह के कैंसर के मरीज तंबाकू का सेवन करते हैं, चाहे वह धूम्रपान के रूप में हो या चबाने के रूप में.''

दुबलेपन की वजह से उड़ता है मजाक तो चावल बनाते समय मिला लें उसमें ये चीज, सूखी हड्डियों पर चढ़ेगा मांस मिलेगी ताकत

Advertisement

पुणे स्थित रूबी हॉल क्लिनिक के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी निदेशक संजय देशमुख के अनुसार, भारत में सिर और गर्दन के कैंसर का सबसे बड़ा कारण तंबाकू का सेवन है. उन्होंने आगे बताया, "गुटखा और खैनी जैसे तम्बाकू उत्पादों में कैंसर कारक तत्व होते हैं, जो कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं. इसके अलावा, शराब का सेवन भी सिर और गर्दन के कैंसर के मामलों में वृद्धि का एक महत्वपूर्ण कारण है."

Advertisement

जब तम्बाकू के सेवन के साथ शराब का सेवन किया जाता है, तो कैंसर पैदा करने वाले प्रभाव बढ़ जाते हैं, जिससे इन कैंसरों के मामलों में वृद्धि होती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, शराब पीने से मुंह, गले, स्वरयंत्र और अन्नप्रणाली के कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है. भारत में पान-मसाला और सुपारी का सेवन एक आम बात है, जिसमें अक्सर तम्बाकू भी मिला होता है. विशेषज्ञों ने कहा, ''पान का सेवन सिर और गर्दन के कैंसर के लिए एक प्रमुख जोखिम कारक है.''

Advertisement

अगर पिता को डायबिटीज, तो बच्चे में हो सकता है बीमारी का खतरा: स्टडी

अंतरराष्ट्रीय कैंसर अनुसंधान एजेंसी (आईएआरसी) ने सुपारी को भी कैंसर पैदा करने वाले तत्वों की श्रेणी में रखा है. इसका सेवन तम्बाकू और चूने के साथ करने से कैंसर होने का खतरा बहुत बढ़ जाता है. पश्चिमी देशों में एचपीवी से जुड़े सिर और गर्दन के कैंसर आम हैं, लेकिन भारत में एचपीवी संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है. एचपीवी मुंह और गले के कैंसर का एक प्रमुख कारण है, और इसके मामलों में वृद्धि भारत में एक गंभीर चिंता का विषय बन गई है.

Advertisement

संजय देशमुख ने कहा, ''भारत में एचपीवी के खिलाफ टीकाकरण कार्यक्रमों और जागरूकता की कमी के कारण स्थिति और भी गंभीर हो जाती है.''

गुरुग्राम स्थित सीके बिड़ला अस्पताल के ऑन्कोलॉजी सेंटर के कंसल्टेंट-सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट विनीत कौल के अनुसार, ''हम अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए व्यक्तिगत स्तर पर कुछ कदम उठा सकते हैं, जैसे कि नियमित व्यायाम करना और स्वस्थ लाइफस्टाइल अपनाना आदि.

World Hepatitis Day 2024: लिवर के लिए खतरनाक है हेपेटाइटिस बी, लक्षण, कारण, बचाव व इलाज| Dr SK Sarin

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

Featured Video Of The Day
ICC Arrest Warrants For Israel Benjamin Netanyahu | नेतन्याहू के लिए खतरा बढ़ा, होंगे गिरफ्तार?