त्वचा चमकेगी और बाल होंगे काले! जानिए गंधक सेवन का वो आसान तरीका, जो दादी-नानी भी मानती थीं

एक बात समझना बहुत जरूरी है कि गंधक को सीधे खाना नहीं चाहिए. इसे इस्तेमाल से पहले 'शुद्ध गंधक' में बदलना पड़ता है ताकि यह खाने लायक बन जाए.

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जिन लोगों की पाचन शक्ति (Digestion Power) कमजोर है, उनके लिए गंधक चूर्ण बहुत अच्छा है.

Right way to eat sulphur :  कुछ खनिज या रासायनिक तत्व ऐसे होते हैं, जिनका इस्तेमाल खेतों से लेकर पटाखों तक में किया जाता है, लेकिन वही रसायन औषधि के रूप में भी काम करते हैं और कई रोगों से निजात दिलाने में मदद करते हैं. हम बात कर रहे हैं गंधक की. गंधक का नाम सभी ने सुना होगा, क्योंकि दादी और मां गंधक का प्रयोग नकारात्मक ऊर्जा से बचाने के लिए करती हैं, लेकिन इसका प्रयोग आयुर्वेद में औषधि के तौर पर किया जाता है.

सल्फर ही 'गंधक' है

गंधक एक रसायन है और इसका वैज्ञानिक प्रतीक 'एस' है और इसे बाजार में सल्फर के नाम से भी जाना जाता है. यह दिखने में पीले रंग का होता है और उसकी गंध असहनीय होती है, लेकिन आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल त्वचा संबंधी रोग, यौवन को बनाए रखने और रोग-प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाने के लिए भी किया जाता है.

गंधक की तासीर गर्म और और स्वाद कसैला होता है

इसका स्वाद तीखा और कसैला होता है और तासीर गर्म होती है. अगर शरीर में वात और कफ का असंतुलन है, तो गंधक इन्हें बैलेंस करता है.

गंधक का सेवन करने से पहले करें शुद्धीकरण

गंधक का सेवन करने से पहले इसे शुद्ध गंधक में परिवर्तित करना पड़ता है, जिससे इसे खाने लायक बनाया जा सके. अगर आप इसे नहीं करना चाहते हैं, तो बाजार में शुद्ध गंधक गोलियों और भस्म के रूप में मिल जाएगी. शुद्ध गंधक बनाने के लिए लोहे की कहाड़ी में गंधक को गर्म करें और जब वह पिघलने लगे तो उसमें नींबू रस मिला दें. इस प्रक्रिया को तीन बार करें और गंधक को सुखाकर उसका चूर्ण बना लें.

किन बीमारियों में करें गंधक का यूज

फोड़े-फुंसी, मुंहासे, खुजली से दिलाए राहत

गंधक चूर्ण कई बीमारियों में इस्तेमाल किया जाता है. अगर फोड़े-फुंसी, मुंहासे, खुजली या स्किन से जुड़ा कोई इंफेक्शन है तो गंधक चूर्ण लिया जा सकता है.

पाचन शक्ति करे मजबूत

इसके अलावा, अगर पाचन शक्ति कमजोर है और संक्रमण रोग जल्दी घेर लेते हैं तो इसका सेवन किया जा सकता है. ये शरीर की ऊर्जा शक्ति को बढ़ाने और थकान को कम करने में मदद करेगा, साथ ही शरीर में मौजूद विषैले पदार्थों को भी बाहर निकालेगा.

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सांस से जुड़ी परेशानी में दिलाए राहत

गंधक चूर्ण का इस्तेमाल श्वसन रोगों में किया जाता रहा है. अस्थमा, खांसी, सर्दी-जुकाम और फेफड़ों को शुद्ध करने में गंधक का चूर्ण सबसे ज्यादा लाभकारी है.

हेयर प्रॉब्लम करे दूर

अगर आप बालों से जुड़ी समस्या से परेशान हैं, तो गंधक चूर्ण का सेवन इसे कम करने में मदद करेगा. ये बालों को झड़ने से रोकता है और उन्हें काला बनाए रखने में भी मदद करता है.

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कितनी मात्रा में करें गंधत का सेवन

गंधक चूर्ण का सेवन 1 से 3 ग्राम के बीच ही करें और ये खाना खाने से पहले सुबह या शाम के समय लिया जा सकता है. बच्चों को गंधक चूर्ण के सेवन से दूर रखें. बाकी आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह पर ही इसका सेवन करें.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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