ड्रग रेगुलेटर ऑफ इंडिया ने एन्टोड फार्मास्यूटिकल्स को उसके नए आई ड्रॉप, प्रेसवू आई ड्रॉप्स के निर्माण और बिक्री की अनुमति निलंबित कर दी है. उन्होंने कहा है कि कंपनी को लाइसेंसिंग अथॉरिटी से इस दावे पर मंजूरी नहीं मिली है कि यह दवा प्रेसबायोपिया से प्रभावित लोगों के लिए फायदेमंद है और पास की चीजों को देखने के लिए चश्मे की निर्भरता कम करती है. 10 सितंबर को पारित आदेश में ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने कहा कि कंपनी ने प्रोडक्ट के लिए इस तरह के "दावे" करने के लिए केंद्रीय लाइसेंसिंग अथॉरिटी से मंजूरी नहीं ली है.
निर्माण और बिक्री अगले आदेश तक निलंबित
डीसीजीआई के आदेश में कहा गया है, "सार्वजनिक हित को ध्यान में रखते हुए पिलोकार्पाइन हाइड्रोक्लोराइड ऑप्थेलमिक सॉल्यूशन 1.25 प्रतिशत के निर्माण और मार्केटिंग के लिए जारी की गई अनुमति को अगले आदेश तक निलंबित किया जाता है." एन्टोड फार्मास्यूटिकल्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी निखिल के मसुरकर ने कहा कि कंपनी निलंबन को अदालत में चुनौती देगी.
उन्होंने कहा कि कंपनी ने प्रेसवू के संबंध में मीडिया या जनता के समक्ष कोई अनैतिक या गलत तथ्य प्रस्तुत नहीं किया है.
उन्होंने एक बयान में कहा, "मीडिया के समक्ष प्रकट किए गए सभी फैक्ट्स एडल्ट्स में प्रेसबायोपिया के उपचार के लिए हाल ही में डीसीजीआई द्वारा दी गई मंजूरी और भारत में हमारे द्वारा किए गए तीसरे स्टेज के क्लिनिकल ट्रायल के परिणामों पर आधारित हैं."
कंपनी का दावा क्लिनिकल ट्रायल पर बेस्ड है दवा
मसुरकर ने कहा कि कंपनी को दी गई मंजूरी 234 रोगियों पर किए गए वैलिडेटेड कंट्रोल्ड क्लिनिकल ट्रायल पर बेस्ड थी, जो प्रेसबायोपिया के रोगियों में आई ड्रॉप की प्रभावकारिता और सुरक्षा को दिखाने में सफल रही, जिन्होंने इन ड्रॉप का उपयोग बिना चश्मे के किया और वे स्नेलन के चार्ट को आसानी से पढ़ सकते थे.
आपको बता दें, पिछले हफ्ते एन्टोड ने पिलोकार्पाइन से बना अपना प्रेसवू आई ड्रॉप लॉन्च किया, जो एक एल्कलॉइड है जिसका इस्तेमाल प्रेसबायोपिया सहित कई नेत्र संबंधी स्थितियों के इलाज के लिए किया जाता है. प्रेसबायोपिया एक एज रिलेटेड आई कंडिशन है जो चीजों को करीब से देखने में मुश्किल पैदा करती है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)