Heart Attack: दिल्ली एयरपोर्ट इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आईजीआई) पर एक बुजुर्ग व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ गया. टर्मिनल 2 के फूड कोर्ट में एक बुजुर्ग को हार्ट अटैक आया जिसको देखते ही वहां पर मौजूद एक महिला डॉक्टर तुरंत उसकी सीपीआर देने लगी. लगभग पांच मिनट तक सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) देने के बाद उनको होश आया. बता दें कि इस घटना का वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो रहा है.
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बता दें कि पहले भी ऐसे कई मामले देखे गए हैं जिसमें हार्ट अटैक आने पर अगर व्यक्ति को सही समय पर सीपीआर दिया गया है तो उसकी जान बच गई है. आइए जानते हैं कि सीपीआर है क्या और यह कैसे काम करता है.
क्या है सीपीआर?
सीपीआर का मतलब कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन है. यह एक लाइफ सेवियर तकनीक है, जो हार्ट अटैक जैसी स्थिति में कारगर साबित होती है. जब रोगी को दिल का दौरा पड़ता है , तो इस तरह की स्थिति में सीपीआर दिया जाता है. सीपीआर के जरिए रोगी के शरीर में ब्लड और ऑक्सीजन का संचार किया जा सकता है.
कैसे देते हैं सीपीआर?
हार्ट रोग स्पेशलिस्ट की मानें तो सीपीआर को सही तरीके से दिए जाने पर रोगी की जान बचाई जा सकती है. हार्ट अटैक के बाद यह सबसे पहले लेवल पर किए जाने वाला इलाज है. इससे हार्ट अटैक के कारण होने वाली मौत के खतरे को कुछ हद तक कम किया जा सकता है.
सीपीआर देने से क्या होता है?
बता दें कि सीपीआर देने से हार्ट को ब्लड पंप करने में मदद मिलती है और शरीर के दूसरी अंगो तक ऑक्सीजन युक्त ब्लड पहुंचने लग जाता है. दरअसल जब दिल का दौरा पड़ता है तो हार्ट काम करना बंद कर देता है जिससे ब्लड और ऑक्सीजन का फ्लो रुक जाता है. सीपीआर देने से शरीर में रक्त के प्रवाह को बनाए रखने का प्रयास किया जाता है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)