Colon Cancer: कोलन कैंसर का मतलब है ऐसा कैंसर जो बड़ी आंत के किसी हिस्से में हो या फिर एनस और कोलन के बीच के हिस्से में होता है. इस कैंसर की वजह से पेट में लगातार दर्द हो सकता है या फिर मोशन में खून आ सकता है. इलाज के बावजूद पेट में बना रहने वाला दर्द कोलन का कैंसर हो सकता है. आम कैंसर की तरह ये कैंसर भी चार स्टेज में हो सकता है. इस मामले में एनडीटीवी ने मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के GI and HPB Surgical Oncology के डायरेक्टर और हेड डॉक्टर विवेक मंगला से बातचीत की और जाना की ये कैंसर कितनी तरह का हो सकता है.
कोलन कैंसर की स्टेजेस | Stages Of Colon Cancer
डॉ. विवेक मंगला के मुताबिक दूसरे कैंसर की तरह कोलन कैंसर भी चार स्टेजेस में होता है. उनका कहना है कि सही समय पर इलाज मिले तो कोलन कैंसर से उबरने की संभावना 90 फीसदी तक होती है. इस कैंसर की शुरुआत एक मस्से से होती है. अगर रेक्टम के किसी हिस्से में मस्सा होने का अहसास हो तो उसका इलाज करवा लेना चाहिए.
कैंसर अगर कोलन में ही रहता है तो वो कैंसर का पहला या दूसरा स्टेज हो सकता है. जब कैंसर कोलन से आगे बढ़कर आसपास के दूसरे हिस्सों में होने लगता है तब वो थर्ड स्टेज हो सकती है. इसके बाद अगर शरीर के दूसरे हिस्सों में कैंसर पनपने लगे तो वो कैंसर की फोर्थ स्टेज होती है.
मस्से का कराएं इलाज
कोलन में कुछ तकलीफ होती है तो वो मस्से के रूप में भी नजर आती है. इस मस्से को पोलेप भी कहा जाता है. डॉ. विवेक मंगला के मुताबिक इस हिस्से को ऑपरेशन कर निकाल दिया जाए तो कोलोन कैंसर का खतरा काफी हद तक टाला जा सकता है.
डॉ. विवेक मंगला कहते हैं कि अक्सर मरीज ही इलाज में देर करते हैं. आमतौर पर पहली स्टेज में कैंसर कोई लक्षण जाहिर नहीं करता है. जिसकी वजह से इलाज नहीं हो पाता. दूसरी स्टेज पर पहुंचने पर कुछ कुछ तकलीफें होती हैं लेकिन पीड़ित इलाज कराने में देर करते हैं या टालते हैं. जिसकी वजह से कैंसर फैलने लगता है और खतरनाक बनता जाता है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)