7 Causes Of Frequent Fever : किसी को भी बुखार आना एक बहुत नॉर्मल बात मानी जाती है, लेकिन अगर यही बुखार बार-बार आने लगे तो यह सोचने वाली बात हो सकती है. कई बार लोग इसे मौसम या हल्की फुल्की थकावट समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन शरीर बार-बार (Baar Baar Bukhar aana) जब तापमान बढ़ाकर चेतावनी देता है, तो उसे अनदेखा करना सही नहीं होता. यह किसी अंदरूनी बीमारी का संकेत हो सकता है, जो धीरे-धीरे शरीर को कमजोर बना रही हो. किसी भी बीमारी के लक्षण (Bukhar ke lakshan) अगर लगातार दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और जांच कराएं. ध्यान रखें, शरीर की छोटी सी चेतावनी भी बड़ी बीमारी से बचाव का मौका हो सकती है.
बार-बार बुखार आने 7 कारण (7 Causes Of Frequent Fever | Baar Baar Bukhar Kyu Aata Hai)
1. यूटीआई (मूत्र मार्ग संक्रमण) : यूटीआई यानी मूत्र मार्ग में संक्रमण, खासकर महिलाओं में ज्यादा देखा जाता है. इसमें बार-बार हल्का या तेज बुखार आ सकता है. इसके अलावा पेशाब करते समय जलन, पेट के निचले हिस्से में दर्द और बार बार पेशाब आने की जरूरत महसूस होती है. समय पर इलाज से यह बीमारी आसानी से ठीक हो सकती है.
2. टीबी (ट्यूबरक्लोसिस) : टीबी एक बैक्टीरिया से फैलने वाली बीमारी है जो ज्यादातर फेफड़ों पर असर डालती है. इसमें हल्का बुखार बार-बार आता है, खासकर शाम या रात के समय. इसके अलावा वजन घटना, खांसी आना, और रात को पसीना आना इसके आम लक्षण हैं. टीबी का इलाज लंबा होता है, लेकिन समय रहते शुरू कर दिया जाए तो यह पूरी तरह ठीक हो सकता है.
3. मलेरिया : मच्छर के काटने से फैलने वाली बीमारी मलेरिया हो जाती है. अगर व्यक्ति को मलेरिया है तो उसे तेज ठंड के साथ बुखार आता है, जो हर 48 या 72 घंटे के बाद दोबारा हो सकता है. इसके साथ-साथ सिर में दर्द, पसीना आना और थकावट महसूस होना भी आम लक्षण हैं. अगर सही समय पर इलाज न किया जाए, तो यह बीमारी गंभीर रूप ले सकती है.
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4. डेंगू : डेंगू भी मच्छर से फैलने वाला वायरल इंफेक्शन है. इसमें अचानक तेज बुखार आता है और इसके साथ शरीर में दर्द, सिरदर्द और कमजोरी महसूस होती है. कुछ मामलों में बुखार जाने के बाद दोबारा भी लौट सकता है. डेंगू में प्लेटलेट्स की संख्या घटती है, इसलिए समय पर जांच और इलाज बेहद जरूरी होता है.
5. टाइफाइड : गंदे पानी या खराब खाने से होने वाली यह बीमारी भी बार-बार बुखार लाती है. टाइफाइड में शरीर का तापमान धीरे धीरे बढ़ता है और कई दिन तक बना रहता है. इसके साथ पेट दर्द, सिरदर्द और उल्टी जैसी दिक्कतें भी होती हैं. टाइफाइड का इलाज न करवाने पर यह आंतों को नुकसान पहुंचा सकता है.
6. ल्यूपस : ल्यूपस एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर की अंदरूनी सुरक्षा प्रणाली खुद ही अपने अंगों पर हमला करने लगती है. इस वजह से मरीज को बार-बार हल्का बुखार आता है. साथ ही, जोड़ों में दर्द, थकान और त्वचा पर चकत्ते भी हो सकते हैं. यह बीमारी पूरी तरह से ठीक नहीं होती, लेकिन दवाओं और देखभाल से इसे नियंत्रित रखा जा सकता है.
7. ब्रूसीलोसिस : यह बीमारी जानवरों से इंसानों में फैलती है, खासकर अगर आप कच्चे या अधपके दूध या मांस का सेवन करते हैं. ब्रूसीलोसिस में भी बुखार बार-बार आता है. इसके साथ शरीर में कमजोरी, मांसपेशियों में दर्द और ज्यादा पसीना आना जैसे लक्षण नजर आते हैं. यह बीमारी आम नहीं है, लेकिन डेयरी या पशुपालन से जुड़े लोगों में इसका खतरा ज्यादा होता है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)