बैज्ञानिकों ने बनाया ऐसा डेंटल फ्लॉस जो शरीर में माप सकता है तनाव, कई बीमारियों से होगा बचाव!

Stress-sensing Dental Floss: एसीएस एप्लाइड मैटेरियल्स एंड इंटरफेस जर्नल में ये अध्ययन प्रकाशित किया गया है. इलेक्ट्रिकल और कंप्यूटर इंजीनियरिंग के प्रोफेसर समीर सोनकुसाले ने इस डिवाइस की जानकारी दी.

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यह डिवाइस तनाव पैदा करने वाले हार्मोन कोर्टिसोल को आसानी से माप सकता है.

Stress-sensing Dental Floss: अमेरिकी इंजीनियरों ने खासतौर से डिजाइन किए गए डेंटल फ्लॉस का उपयोग करके एक सामान्य सा डिवाइस विकसित किया है जो तनाव पैदा करने वाले हार्मोन कोर्टिसोल को आसानी से माप सकता है. क्रॉनिक स्ट्रेस से ब्लड प्रेशर और हार्ट डिजीज में बढ़ोत्तरी, इम्यून फंक्शन में कमी, अवसाद और चिंता हो सकती है. एसीएस एप्लाइड मैटेरियल्स एंड इंटरफेस जर्नल में ये अध्ययन प्रकाशित किया गया है. इलेक्ट्रिकल और कंप्यूटर इंजीनियरिंग के प्रोफेसर समीर सोनकुसाले ने इस डिवाइस की जानकारी दी. बताया, "इसकी शुरुआत टफ्ट्स यूनिवर्सिटी के कई विभागों के सहयोग से हुई. तनाव और अन्य कॉग्नेटिव समस्या कैसे समाधान और सीखने की क्षमता को प्रभावित करते हैं इसे लेकर जांच की गई."

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उन्होंने आगे कहा, "हम नहीं चाहते थे कि माप तनाव का एक एक्स्ट्रा सोर्स बनाए, इसलिए हमने सोचा, क्या हम एक सेंसिंग डिवाइस बना सकते हैं जो आपकी दिन-प्रतिदिन के रूटीन का हिस्सा बन जाए? कोर्टिसोल लार में पाया जाने वाला एक स्ट्रेस मार्कर है, इसलिए फ़्लॉसिंग डेली सैम्पल लेने के लिए एक स्वाभाविक विकल्प लगा."

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लार-संवेदी डेंटल फ्लॉस का उनका डिजाइन एक आम फ्लॉस पिक की तरह ही दिखता है, जिसमें एक सपाट प्लास्टिक हैंडल से फैली दो नुकीली डोरी होती है, जो आपकी तर्जनी के आकार की होती है.

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फ़्लॉस में एक बहुत ही संकीर्ण चैनल के माध्यम से लार पिक किया जाता है. लिक्विड को पिक हैंडल और एक अटैच टैब में खींचा जाता है, जहां यह इलेक्ट्रोड में फैलता है जो कॉर्टिसोल का पता लगाता है.

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इलेक्ट्रोड पर कॉर्टिसोल की पहचान लगभग 30 साल पहले विकसित एक उल्लेखनीय तकनीक से की जाती है जिसे इलेक्ट्रोपॉलीमराइज़्ड मॉलिक्यूलरली इंप्रिंटेड पॉलिमर (ईएमआईपी) कहा जाता है. ईएमआईपी मोल्ड को और भी कई तरीकों से इस्तेमाल किया जा सकता है. ऐसा कोई डेंटल फ्लॉस सेंसर बनाया जा सकता है जो लार में पाए जाने वाले अन्य अणुओं का पता लगा सकता है, जैसे प्रजनन क्षमता पर नजर रखने के लिए एस्ट्रोजन, डायबिटीज की निगरानी के लिए ग्लूकोज या कैंसर के लिए मार्कर.

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शोधकर्ताओं ने कहा कि तनाव, हार्ट डिजीज, कैंसर और अन्य स्थितियों की ज्यादा सटीक निगरानी के लिए एक ही समय में लार में कई बायोमार्कर का पता लगाने की भी संभावना है. कोर्टिसोल सेंसर की सटीकता बाजार में या विकास के तहत सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले सेंसर के बराबर है. इस डिवाइस को घर में और बिना किसी ट्रेनिंग की जरूरत के लोग प्रयोग कर सकते हैं. वर्तमान में, सोनकुसले और उनके सहयोगी इस प्रोडक्ट को बाजार में लाने के लिए एक स्टार्टअप बना रहे हैं.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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