मुंबई में कबूतर को दाना डालना पड़ा जेब पर भारी, कटा 5000 रुपये का चालान, जान लें कैसे जानलेवा है यह आदत

मुंबई नगर निगम (BMC) ने पहले ही शहर के कई हिस्सों में कबूतरों को दाना खिलाने पर रोक लगा दी थी. दादर के रहने वाले नितिन शेठ को माहिम इलाके में कबूतरों को दाना खिलाते हुए पकड़ा गया, जिसके बाद अदालत ने उन पर यह कार्रवाई की.

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मुंबई:

मुंबई की एक अदालत ने सार्वजनिक स्थान पर कबूतरों को दाना डालने के मामले में एक व्यवसायी को दोषी ठहराते हुए उस पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया है. अदालत ने कहा कि यह कृत्य “जीवन के लिए खतरनाक बीमारियों के संक्रमण के फैलने की आशंका” पैदा करता है.  यह आदेश बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) के जन असुविधा और लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरा बताते हुए शहर के अधिकतर हिस्सों में कबूतरों को दाना खिलाने पर प्रतिबंध लगाए जाने के कुछ महीनों बाद आया है.

किसकी जेब पर पड़ा भारी

दादर निवासी नितिन शेठ (52) को एक अगस्त को शहर के माहिम इलाके में स्थित और अब बंद हो चुके ‘कबूतरखाना' में कबूतरों को दाना खिलाते हुए पकड़ा गया था. शेठ द्वारा अपना जुर्म कबूल किए और रियायत दिए जाने की मांग के बाद अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वी. यू. मिसल (बांद्रा) ने 22 दिसंबर को उसे दोषी ठहराया. शेठ की याचिका स्वीकार करते हुए अदालत ने कारोबारी को 5,000 रुपये का जुर्माना भरने की सजा सुनाई.

क्यों लगा जुर्माना?

मुंबई नगर निगम (BMC) ने पहले ही शहर के कई हिस्सों में कबूतरों को दाना खिलाने पर रोक लगा दी थी. दादर के रहने वाले नितिन शेठ को माहिम इलाके में कबूतरों को दाना खिलाते हुए पकड़ा गया, जिसके बाद अदालत ने उन पर यह कार्रवाई की.

सेहत के लिए कितना खतरनाक है कबूतरों को दाना डालना?

मशहूर चेस्ट सर्जन डॉक्टर अरविंद कुमार के अनुसार, कबूतरों से जुड़ी बीमारियाँ आपके फेफड़ों को बुरी तरह तबाह कर सकती हैं.

  1. कैसे फैलती है बीमारी: कबूतरों की ड्रोपिंग (बीट) जब सूख जाती है, तो वह बारीक कणों में बदल जाती है. जब कबूतर उड़ते हैं या हवा चलती है, तो ये कण हवा में मिल जाते हैं और सांस के जरिए हमारे फेफड़ों में पहुंच जाते हैं.
  2. हाइपर सेंसिटिविटी न्यूमोनाइटिस: यह फेफड़ों की एक गंभीर बीमारी है जो कबूतरों की बीट से फैलती है. इसमें फेफड़ों में सूजन आ जाती है, जिससे शरीर को ऑक्सीजन लेने में दिक्कत होती है.
  3. लंग फेलियर का डर: अगर इसे समय पर न रोका जाए, तो फेफड़े सख्त होने लगते हैं (फाइब्रोसिस). इससे सांस फूलना, लगातार खांसी और थकान जैसी समस्याएं होती हैं और स्थिति जानलेवा भी हो सकती है.

किसे है सबसे ज्यादा खतरा?

बचाव के तरीके

  1. घर के पास या बालकनी में कबूतरों को दाना डालने से बचें.
  2. बालकनी और छतों को साफ रखें और कबूतरों को बैठने न दें.
  3. अगर सांस लेने में तकलीफ या लगातार खांसी हो, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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