बदलते मौसम में बढ़ता है बैक्टीरियल निमोनिया का खतरा, यहां जानें बचाव के आसान तरीके

बैक्टीरियल निमोनिया को हल्के में लेना खतरे से खाली नहीं होता. यह बीमारी गंभीर जटिलताओं को जन्म दे सकती है, जिनमें सांस लेने में कठिनाई, सेप्सिस यानी संक्रमण का पूरे शरीर में फैलना, और फेफड़ों में फोड़े या एम्पाइमा शामिल हैं.

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बैक्टीरियल निमोनिया को हल्के में लेना खतरे से खाली नहीं होता.

Pneumonia prevention : बदलते मौसम के साथ-साथ कई तरह की बीमारियां शरीर को अपने चपेट में लेने लगती हैं, जिनमें से एक गंभीर और खतरनाक बीमारी 'बैक्टीरियल निमोनिया' है. खासतौर पर जब ठंड का मौसम शुरू होता है, तब यह संक्रमण तेजी से फैलने लगता है और बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों के लिए परेशानी का कारण बन जाता है.  

अक्सर हम सर्दी, खांसी और बुखार को मामूली समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन कई बार ये सामान्य लक्षण बैक्टीरियल निमोनिया की शुरुआत हो सकते हैं. अगर समय रहते सही पहचान और इलाज न किया जाए तो यह स्थिति जानलेवा भी साबित हो सकती है.

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अमेरिकन नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मुताबिक, हमारे फेफड़ों में छोटी-छोटी हवा की थैलियां होती हैं, जिन्हें मेडिकल भाषा में एल्वियोली कहा जाता है. ये थैलियां हमारे शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाने और कार्बन डाइऑक्साइड बाहर निकालने का काम करती हैं. जब कोई बैक्टीरिया इन एल्वियोली में पहुंच जाता है, तो वे सूज जाती हैं और उनमें तरल पदार्थ भरने लगता है, जिससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है. यह संक्रमण फेफड़ों में फैलता है और गंभीर स्थिति उत्पन्न कर सकता है.

बैक्टीरियल निमोनिया के कारण

इस बीमारी का सबसे आम कारण स्ट्रेप्टोकॉकस निमोनिया, हेमोफिलस इन्फ्लुएंजा और स्टैफिलोकोकस ऑरियस नामक बैक्टीरिया होते हैं. ये बैक्टीरिया आमतौर पर छींक, खांसी या हवा में मौजूद सूक्ष्म कणों के माध्यम से फेफड़ों में प्रवेश कर जाते हैं.

बैक्टीरियल निमोनिया के लक्षण क्या हैं

बैक्टीरियल निमोनिया के लक्षण अक्सर सर्दी-खांसी जैसे दिखाई देते हैं, इसलिए इसे पहचानना थोड़ा मुश्किल हो सकता है. अगर खांसी के साथ बलगम पीले या हरे रंग का हो, सीने में दर्द हो, सांस लेने में तकलीफ महसूस हो, बुखार लगातार बना रहे, और शरीर में कमजोरी बढ़ने लगे, तो यह निमोनिया का संकेत हो सकता है. खासकर बच्चों में चेहरे का पीला पड़ जाना या अत्यधिक थकान जैसी स्थिति गंभीर हो सकती है. 

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इसके अलावा, ठंड लगना और बार-बार सर्दी-जुकाम की शिकायत भी संक्रमण का हिस्सा हो सकती है. इसलिए अगर ये लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं या बिगड़ते हैं, तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना जरूरी है.

बैक्टीरियल निमोनिया को हल्के में लेना खतरे से खाली नहीं होता. यह बीमारी गंभीर जटिलताओं को जन्म दे सकती है, जिनमें सांस लेने में कठिनाई, सेप्सिस यानी संक्रमण का पूरे शरीर में फैलना, और फेफड़ों में फोड़े या एम्पाइमा शामिल हैं. यदि समय पर इलाज शुरू न किया जाए तो यह स्थिति जानलेवा भी हो सकती है, खासकर बुजुर्गों और बच्चों के लिए. इसलिए उचित इलाज और सावधानी बहुत जरूरी है.

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बैक्टीरियल निमोनिया के बचाव के आसान तरीके

इस बीमारी से बचाव के लिए सबसे महत्वपूर्ण कदम अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता, यानी इम्यूनिटी, को मजबूत बनाना है. इसके लिए संतुलित आहार लेना, पर्याप्त नींद और स्वच्छता का ध्यान रखना आवश्यक है. खासकर हाथों को बार-बार धोना या सैनेटाइज करना संक्रमण से बचाव में मदद करता है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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