महिलाओं के लिए गर्भावस्था का पीरियड सबसे संवेदनशील समय होता है. इस समय में गर्भवती महिलाएं ना सिर्फ अपना बल्कि गर्भ में पल रहे शिशु का भी ख्याल रखती हैं. इस दौरान क्या खाना है, क्या नहीं, कैसे उठना-बैठना है और कैसी फिजिकल एक्टिविटी करनी है इन सबका ध्यान रखती हैं. बावजूद इसके गर्भवती महिलाओं को अनचाही समस्याओं से जूझना पड़ जाता है. इसमें एक है शिशु का गर्भ में पोटी कर देना, जिसे मेकोनियम कहते हैं.
मेडिकल भाषा में इस स्थिति को मेकोनियम एस्पिरेशन सिंड्रोम कहा जाता है. अगर बच्चा गर्भ में मेकोनियम निगल लेता है तो यह उसके लिए बहुत खतरनाक साबित होता है. आइए जानते हैं, अगर बच्चा मां के पेट में मेकोनियम (पॉटी) कर दे, तो क्या होता है?
बच्चा माँ के पेट में पॉटी कर दे तो क्या होता है | Bachcha Pet me Potty kar de to kya hota hai
पेट में पॉटी करने से शिशु को जान का भी खतरा होता है. मेडिकल रिसर्च के अनुसार, 13 फीसदी बच्चे गर्भ मे मल त्याग करते हैं और डिलीवरी डेट बढ़ने की स्थिति में यह आंकड़ा 40 फीसदी तक हो जाता है. जन्म से पहले ही बच्चा पेट में मेकोनियम कर सकता है, जो एमनियोटिक द्रव में मिल जाता है.
बच्चे के मेकोनियम निगलने से यह उसके फेफड़ों में जा सकता है और इससे बच्चे को निमोनिया और सांस लेने में दिक्कत हो सकती है और उसे मेकोनियम एस्पिरेशन सिंड्रोम भी हो सकता है. मेकोनियम बच्चे के फेफड़ों के वायु मार्ग को ब्लॉक कर देता है.
ऐसा कब होता है? (When Baby pass meconium before birth)
अगर गर्भ में शिशु किसी परेशानी से जूझ रहा है तो वह इस स्थिति में मेकोनियम छोड़ देता है और ऐसा डिलीवरी की डेट आगे बढ़ने पर ज्यादा होता है. इस स्थिति में गर्भवती महिलाओं को तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए. क्योंकि, ऐसे मामले में तुरंत ट्रीटमेंट की जरूरत होती है.
डिलीवरी के बाद शिशु के वायुमार्ग से मल को निकालने के लिए डॉक्टर मुंह और नाक से सक्शन करते हैं. हालांकि यह गर्भवती महिला और उसके बच्चे के लिए एक गंभीर स्थिति है, लेकिन डॉक्टर की निगरानी में हुई सही देखभाल से इससे बचा जा सकता है.
मेकोनियम की स्थिति क्या करें? (What To Do)
मेकोनियम एक गंभीर स्थिति है और इसमें तुरंत उपचार की जरूरत होती है. इसलिए ऐसा कुछ भी होने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाएं.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)