Heart Health Tests By Age: दिल की बीमारियां अब सिर्फ बुजुर्गों तक सीमित नहीं रहीं. बदलती लाइफस्टाइल, तनाव, खराब खानपान और कम फिजिकल एक्टिविटी के चलते अब 25-30 साल की उम्र में भी हार्ट अटैक के मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में दिल की सेहत को समय रहते जांचना बेहद जरूरी हो गया है. एनडीटीवी को दिए इंटरव्यू में जाने-माने कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर टीएस क्लेर ने बताया कि हार्ट हेल्थ को मॉनिटर करने के लिए किस उम्र में कौन से टेस्ट करवाना चाहिए और क्यों ये जरूरी है.
25 साल की उम्र से शुरू करें चेकअप
डॉ. क्लेर के अनुसार, 25 साल की उम्र से ही हार्ट की हेल्थ को मॉनिटर करना शुरू कर देना चाहिए. इस उम्र में भले ही कोई लक्षण न दिखे, लेकिन बेसलाइन हेल्थ रिपोर्ट बनाना जरूरी होता है, ताकि भविष्य में जोखिम की पहचान जल्दी हो सके.
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इस उम्र में आप ये दो टेस्ट जरूर करवाएं:
- ब्लड शुगर टेस्ट: ताकि डायबिटीज या प्री-डायबिटीज का समय रहते पता चल सके.
- लिपिड प्रोफाइल (कोलेस्ट्रॉल टेस्ट): खराब कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से हार्ट की नसें ब्लॉक हो सकती हैं.
35 साल की उम्र के बाद बढ़ा दें जांच की गंभीरता
35 की उम्र के बाद हार्ट से जुड़ी बीमारियों का जोखिम बढ़ने लगता है, खासकर अगर आपके परिवार में किसी को दिल की बीमारी रही हो या लाइफस्टाइल अनहेल्दी हो.
इस उम्र में इन टेस्ट को जोड़ें:
- ईसीजी (Electrocardiogram): दिल की धड़कन और रिदम को देखने के लिए.
- ईकोकार्डियोग्राफी (Echo): दिल की संरचना और पंपिंग क्षमता जांचने के लिए.
- टीएमटी (Treadmill Test): वर्कआउट के दौरान दिल की क्षमता जानने के लिए.
- बीपी जांच: हाई ब्लड प्रेशर हार्ट अटैक का बड़ा कारण बन सकता है.
लक्षण दिखें तो तुरंत करवाएं हार्ट टेस्ट
डॉ. टीएस क्लेर बताते हैं कि अगर किसी को ये लक्षण दिखें तो हार्ट टेस्ट में देर न करें:
- सीने में दबाव या दर्द
- सांस फूलना
- अचानक थकावट
- चलते समय या सीढ़ी चढ़ते हुए छाती में भारीपन
- हाथ या जबड़े में दर्द
युवा वर्ग में भी बढ़ रहा है रिस्क
आजकल स्ट्रेस, जंक फूड, देर तक बैठने की आदत और स्मोकिंग-एल्कोहल जैसी आदतों के चलते 20-30 साल के युवा भी हार्ट अटैक की चपेट में आ रहे हैं. इसलिए युवाओं को भी साल में एक बार बेसिक हार्ट हेल्थ चेकअप जरूर करवाना चाहिए.
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हार्ट का कोई "अलग" टेस्ट?
डॉ. क्लेर के मुताबिक, हार्ट हेल्थ को जानने के लिए कोई एक "सुपर टेस्ट" नहीं होता. आपको लाइफस्टाइल, फैमिली हिस्ट्री, लक्षण और उम्र के आधार पर अलग-अलग टेस्ट करवाने पड़ते हैं. ये टेस्ट मिलकर दिल की सही स्थिति का पता देते हैं.
इन बातों का रखें ध्यान:
- दिल के लिए समय रहते चेतना जरूरी है.
- 25 की उम्र से बेसिक टेस्ट शुरू करें.
- 35 के बाद सालाना चेकअप कराएं.
लक्षण दिखें तो देरी न करें
- दिल के लिए एक्टिव लाइफस्टाइल अपनाएं
- आपका दिल आपका सबसे जरूरी अंग है, इसका ख्याल समय रहते रखेंगे तो भविष्य में कई गंभीर बीमारियों से बच सकेंगे.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)