शराब की ओवरडोज शरीर के लिए जहर, हो सकती है मौत, इन 4 लोगों को सबसे ज्यादा खतरा

Alcohol Overdose: यहां जानिए शराब का ओवरडोज शरीर को कैसे प्रभावित करता है, इसके घातक परिणाम क्या हो सकते हैं और किन लोगों को सबसे ज्यादा खतरा होता है.

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जानिए शराब का ओवरडोज शरीर को कैसे प्रभावित करता है.

Alcohol Overdose: शराब का सीमित मात्रा में सेवन कई लोगों के लिए एक सामान्य एक्टिविटी हो सकती है, लेकिन जब इसका बहुत ज्यादा सेवन किया जाता है, तो यह शरीर के लिए जहर बन सकता है. शराब का ओवरडोज (Alcohol Overdose) या अल्कोहॉल पॉइजनिंग एक गंभीर स्थिति होती है, जिसमें शरीर शराब को प्रोसेस करने में अनेबल हो जाता है और इसके कारण जानलेवा प्रभाव हो सकते हैं. आइए जानते हैं कि शराब का ओवरडोज शरीर को कैसे प्रभावित करता है, इसके घातक परिणाम क्या हो सकते हैं और किन लोगों को सबसे ज्यादा खतरा होता है.

शराब का ओवरडोज क्या है? (What Is An Alcohol Overdose?)

जब कोई व्यक्ति बहुत ज्यादा मात्रा में शराब का सेवन करता है, तो उसका शरीर इसे तेजी से मेटाबोलाइज नहीं कर पाता. इससे खून में अल्कोहॉल का लेवल बहुत ज्यादा बढ़ जाता है, जिससे ब्रेन और शरीर की कार्यप्रणाली पर गहरा असर पड़ता है.

व्यक्ति का ब्रेन उसके कंट्रोल से बाहर हो जाता है और सांस लेने में परेशानी, हार्ट रेट मे गड़बड़ी होनी शुरू हो जाती है. यही नहीं शराब के ओवरडोज होने के कारण इंसान होश में नहीं रहता है. इसके साथ ही उल्टियां, सांस लेने में परेशानी होती है, त्वचा चिपचिपी हो जाती है, इसी के साथ वह चल फिर भी ढंग से नहीं पाता है. बता दें, शराब के ओवरडोज से ब्रेन को स्थायी क्षति या मृत्यु भी सकती है.

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खतरनाक संकेत:

  • उल्टी आना
  • बेहोशी या बहुत ज्यादा नींद आना
  • सांस लेने में कठिनाई
  • हार्ट रेट बहुत धीमी या तेज हो जाना
  • शरीर का तापमान कम होना
  • त्वचा नीली या पीली पड़ जाना

अगर इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे, तो तुरंत मेडिकल हेल्प लें, क्योंकि यह स्थिति जानलेवा हो सकती है.

शराब के ओवरडोज से हो सकते हैं ये घातक परिणाम

  • सांस रुकने का खतरा: बहुत ज्यादा शराब शरीर की नर्व्स सिस्टम को धीमा कर सकती है, जिससे सांस लेने की प्रक्रिया बाधित हो सकती है.
  • कोमा में जाने का खतरा: शराब का ओवरडोज ब्रेन पर इतना प्रभाव डाल सकता है कि व्यक्ति कोमा में जा सकता है.
  • हार्ट रेट रुक सकती है: शराब के ज्यादा सेवन से हृदय की धड़कन अनियमित हो सकती है, जिससे कार्डियक अरेस्ट का खतरा बढ़ जाता है.
  • अचानक मौत: अगर ओवरडोज का सही समय पर इलाज नहीं किया गया, तो यह मौत का कारण बन सकता है.

इन दवाओं के साथ न करें शराब का सेवन

शराब का सेवन के साथ नींद की गोली और एंटी एंग्जायटी की मेडिसिन लेना खतरनाक हो सकता है. इसके साथ ही ओवर-द-काउंटर एंटीहिस्टामाइन लेते समय शराब पीना भी खतरनाक हो सकता है.

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दर्द निवारक दवाओं के साथ शराब का सेवन करना भी एक बहुत ही खतरनाक कॉम्बिनेशन हैं. शराब की तरह ये दवाएं ब्रेन के उन क्षेत्रों को दबा देती हैं जो सांस लेने जैसे जरूरी कार्यों को कंट्रोल करते हैं. शराब और अन्य दवाओं को एक साथ लेने से उनके अलग-अलग प्रभाव बढ़ जाते हैं और शराब की मध्यम मात्रा से भी ओवरडोज हो सकता है.

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शराब के ओवरडोज से किन लोगों को सबसे ज्यादा खतरा?

जो कोई भी व्यक्ति बहुत जल्दी बहुत ज्यादा शराब पीता है उसे शराब के ओवरडोज का खतरा अन्य लोगों की तुलना में ज्यादा हो सकता है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑन अल्कोहल एब्यूज एंड एल्कोहोलिज्म ने बहुत ज्यादा शराब पीने को शराब पीने के एक पैटर्न के रूप में परिभाषित किया है, जो ब्लड में अल्कोहल कंसन्ट्रेशन (BAC) को 0.08 प्रतिशत - या प्रति डेसीलीटर 0.08 ग्राम अल्कोहल या उससे ज्यादा तक ले जाता है. एक सामान्य वयस्क के लिए यह पैटर्न लगभग दो घंटे में 5 या ज्यादा ड्रिंक (पुरुष) या 4 या ज्यादा ड्रिंक (महिला) पीने से मेल खाता है. संयुक्त राज्य अमेरिका में, "Standard Drink"  को किसी भी पेय के रूप में परिभाषित किया जाता है जिसमें 0.6 फ्लूइड आउंस या 14 ग्राम शुद्ध अल्कोहल होता है.

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इसी के साथ बता दें, शराब पीने वाले टीनेजर और यंग एडल्ट्स को शराब की ज्यादा मात्रा खतरनाक हो सकती है. वहीं रिसर्च से पता चलता है कि टीनेजर और कॉलेज जाने वाले  यंग एडल्ट्स अक्सर बहुत ज्यादा मात्रा में शराब पीते हैं. इससे उनके ब्रेन और अन्य फिजिकल फंक्शन काफी हद तक खराब हो रहे हैं.

  1. कम उम्र के लोग: युवा और किशोरों में बहुत ज्यादा शराब पीने की प्रवृत्ति ज्यादा होती है, जिससे उनके शरीर को नुकसान पहुंच सकता है.
  2. बार-बार शराब पीने वाले: जो लोग नियमित रूप से ज्यादा मात्रा में शराब का सेवन करते हैं, वे ज्यादा जोखिम में होते हैं.
  3. मेडिकल कंडीशन वाले लोग: जिन लोगों को पहले से ही हार्ट, लीवर या किडनी से जुड़ी समस्याएं हैं, उनके लिए शराब का ज्यादा सेवन घातक हो सकता है.
  4. खाली पेट शराब पीने वाले: खाली पेट शराब पीने से इसका असर तेजी से होता है, जिससे ओवरडोज का खतरा बढ़ जाता है.

जैसे-जैसे खून में अल्कोहल की मात्रा बढ़ती है, वैसे ही बढ़ता है खतरा

ब्लड में अल्कोहल की मात्रा होने से व्यक्ति को बीमार जैसा महसूस होना शुरू हो जाता है और इसका असर सोचने- समझने की क्षमता भी पर पड़ता है. यही नहीं, इससे व्यक्ति के गिरने या कार दुर्घटना से घायल होने, हिंसा करने और अनपेक्षित यौन संबंध बनाने का जोखिम बढ़ सकता है. जब BAC हाई लेवल पर पहुंच जाता है, तो व्यक्ति बेहोश होना शुरू कर देता है और यहां तक की उसकी मृत्यु भी हो सकती है.

अगर आप ये सोच रहे हैं कि ब्लड में अल्कोहल की मात्रा होने पर बेहोश हुआ व्यक्ति सोकर ठीक हो जाएगा, तो ऐसा हर बार संभव नहीं है. दरअसल बहुत ज्यादा मात्रा में शराब ब्रेन में उन संकेतों को बाधित कर सकती है जो मानव शरीर को कंट्रोल में रखता है. इसी के साथ बता दें, जो व्यक्ति बेहोश होने की हद तक शराब पीता है, उसे अपनी उल्टी से दम घुटने और ऑक्सीजन की कमी (यानी, दम घुटने) से मरने का खतरा ज्यादा होता है. वहीं अगर व्यक्ति की मौत भी नहीं होती है, तो शराब की ज्यादा मात्रा से ब्रेन डैमेज हो सकती है.

इन बातों का रखें ध्यान

खतरे के संकेतों को पहचानें और अगर आपको संदेह है कि किसी ने शराब का ओवरडोज ले लिया है. व्यक्ति में सभी लक्षण दिखने का इंतजार न करें और इस बात से अलर्ट रहें कि बेहोश होने वाले व्यक्ति की मौत हो सकती है. यही नहीं डॉक्टर बनने की कोशिश न करें.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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