- मनाली में मॉनसून की बारिश के कारण पर्यटकों की संख्या में भारी कमी आई है और पर्यटन प्रभावित हुआ है
- मॉल रोड पर पर्यटकों का सन्नाटा पसरा है, अधिकांश दुकानें बंद हैं और टैक्सी स्टैंड पर गाड़ियां खड़ी हैं
- करीब 5500 टैक्सियों के मालिक बैंक की किश्तें भरने में असमर्थ हैं और उनका रोजगार ठप पड़ा है
कभी पर्यटकों से गुलजार रहने वाला मनाली आज खामोशी के आगोश में लिपटा हुआ दिख रहा है. हिमाचल प्रदेश के पर्यटन की रीढ़ कहे जाने वाले कुल्लू-मनाली में इस बार मॉनसून की बारिश ने ऐसा कहर बरपाया कि सैलानियों की आमद लगभग थम गई है और हर जगह सन्नाटा पसरा हुआ है. जहां हर साल 34 से 40 लाख पर्यटक पहुंचते थे, वहां इस बार रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई है. हालत ये है कि हज़ारों होटल खाली पड़े हैं, करोड़ों के रिसॉर्ट्स में ताले लग चुके हैं और पर्यटन से जुड़े हज़ारों लोग बेरोज़गार हो गए हैं.
होटल्स खाली, टैक्सी के पहिए थमे
मनाली की मशहूर मॉल रोड, आमतौर पर पर्यटकों की भीड़ से भरी रहती थी, लेकिन अब ये किसी वीरान जगह सी दिखाई दे रही है. अब यहां इस जगह पर कुछ चुनिंदा स्थानीय लोग ही दिखाई देते हैं, ज़्यादातर दुकानें बंद हैं. यहां के मॉल रोड से सटे टैक्सी स्टैंड पर हज़ारों गाड़ियां कई दिनों से खड़ी हैं. हिमाचल प्रदेश टैक्सी यूनियन के अध्यक्ष राजा ठाकुर बताते हैं कि मनाली में करीब 5500 टैक्सियां हैं मगर इस सीज़न में काम लगभग ठप ही रहा. पहले मई में भारत-पाकिस्तान युद्ध की आशंका की वजह से बुकिंग कैंसिल हुई, फिर जून से लगातार बारिश ने पर्यटकों को आने से रोक दिया.
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बैंक की किश्ते भरना मुश्किल
टैक्सी मालिकों के लिए बैंक की किश्तें भरना भी मुश्किल हो गया है. मनाली के महंगे और लग्जरी होटल भी खाली पड़े हैं, जबकि किराया आधे से भी कम कर दिया गया है, लेकिन सैलानी नहीं आ रहे हैं. यहां पर छोटे-बड़े करीब 4000 होटल हैं. स्थानीय लोग सेब और पर्यटन पर निर्भर हैं, लेकिन मई से सितंबर तक बारिश की वजह से बुकिंग्स रद्द हो गईं. होटल के बाहर या तो सन्नाटा है या ताले लगे हैं. रिजिजू व्यास नदी के किनारे बने कई होटल खतरे की जद में हैं.
दर्जन भर से ज्यादा होटल ज़मींदोज़
मनाली नगर परिषद के पूर्व चेयरमैन चमन कपूर बताते हैं कि होटल चाहे खुले हो या फिर बंद, स्टाफ की तनख़्वाह और बिजली का बिल देना पड़ता है. ऊपर से सरकार की तरफ से टैक्स और सब्सिडी खत्म होने की वजह से होटल मालिकों पर दोहरी मार पड़ रही है. उनका कहना है कि जब तक मनाली में एयरपोर्ट नहीं बनेगा, तब तक पर्यटन का विकास नहीं हो सकता. मनाली में दर्जन भर से ज्यादा होटल ज़मींदोज़ हो चुके हैं.
लोगों ने क्या कुछ बताया
व्यास नदी के किनारे बने कई होटल बह गए हैं और जो बची हुई प्रोपर्टीज हैं, उन्हें भारी नुकसान हुआ है. भान कस्बे के अजय ठाकुर बताते हैं कि उनका छह कमरों वाला होम स्टे 25 तारीख़ को व्यास नदी में आई बाढ़ में बह गया. उन्होंने कई बार प्रशासन से किनारे पर सीसीटीवी लगाने की मांग की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. अब उनका घर और होम स्टे दोनों तबाह हो चुके हैं.