हिमाचल में जमीन ने निगल लिया गांव, 1 KM तक धंसी सड़क, मकान धंसने से दहशत में लोग

हिमाचल के गांव में जमीन धंसने से आसपास के लोग भी दहशत में हैं. फिलहाल एहतियात के तौर पर पूरा इलाका सील कर दिया है और किसी को भी खतरे वाले इलाके में जाने की अनुमति नहीं है. (एनडीटीवी के लिए अनूप धीमान की रिपोर्ट)

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  • कांगड़ा जिले में भारी बारिश के कारण बछवाई इलाके में लगभग 1KM तक जमीन दस फुट तक धंस गई
  • जमीन धंसने से आसपास के लोग दहशत में हैं और खतरे के मद्देनजर पूरा इलाका सील किया गया
  • बछवाई गरडेर गांव में 13 मकान ध्वस्त हो गए हैं और सेना राहत कार्यों में युद्ध स्तर पर लगी हुई है
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कांगड़ा:

इस बार हिमाचल में मॉनसून की बारिश कहर बनकर बरस रही है. मॉनसून का ये मौसम कुदरत के उस रौद्र रूप को दिखा रहा है, जिसके बारे में महज सोचकर ही इंसान की रूह कांप जाती है. कहीं पहाड़ टूटे हैं, कहीं सैलाब आया है तो कहीं बादल फटने से हाहाकार मचा हुआ है. लेकिन कुछ जगह ऐसी भी है कि जिस जगह न भूस्खलन हुआ है और न ही कोई पहाड़ गिरा है, मगर फिर भी पूरा गांव धंस गया. वहीं पूरे इलाके को सील कर दिया है और अभी सेना ने मोर्चा संभाल लिया है. लोगों के घरों से सामान निकल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.

1 किमी. तक धंसी सड़क, दशहत में लोग

हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा के थुरल के साथ लगते बछवाई में लगभग एक किलोमीटर के रेडियस में सारी ज़मीन लगभग दस फुट तक धंस गई है. जमीन धंसने से आसपास के लोग भी दहशत में हैं. फिलहाल एहतियात के तौर पर पूरा इलाका सील कर दिया है और किसी को भी खतरे वाले इलाके में जाने की अनुमति नहीं है. वहीं पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया है, ताकि किसी भी मुश्किल स्थिति से निपटा जा सकें.

गांव में 13 मकान ध्वस्त, मदद में जुटी सेना

जिला कांगड़ा के बछवाई गरडेर गांव में 13 मकान ध्वस्त हो गए. जहां राहत पहुंचाने के लिए कमाडिंग ऑफिसर की अगुआई में स्थानीय प्रशासन के साथ आर्मी ने मोर्चा संभाला हुआ है और युद्ध स्तर पर हरसंभव राहत पहुंचाई जा रही है. हर घर की आर्मी के जवानों द्वारा रास्ता बनाकर पीड़ित परिवारों के घरों से समान सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है. मेडिकल की फैसिलिटी आर्मी डॉक्टर की तरफ से मुहैया कराई जा रही है.

गांववालों ने क्या कुछ बताया

हैरानी को बात ये है कि यहां सड़क दो हिस्सों में बंट गई है और बीच में 15 फुट गहरी खाई बन गई है. लोगों का कहना है कि 15 सिंतबर की रात को अचानक से भारी बरसात शुरू हुई, तभी लोग दहशत में एक दूसरे को फ़ोन करने लगे. इसी दौरान मालूम हुआ कि जमीन धंस रही है और वो तुरंत गांव से भागे और सड़क की तरफ़ रूख किया और सुबह होते होते उनके घर जमींदोज़ होना शुरू हो गए. उनका सारा सामान घर के अंदर था. लेकिन अब सेना ने मोर्चा संभाला है और वो सारा सामान सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे हैं. 

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