हरियाणा के गुरुग्राम के एक 20 वर्षीय युवक ने वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट दिखाने के बावजूद उसे अलग-अलग कोविड-19 वैक्सीन (Different COVID-19 vaccine)दिए जाने का आरोप लगाया है. युवक का कहना है कि उसके वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट में पहली कोविड वैक्सीन का विवरण है इसके बावजूद उसे, दूसरी डोज के रूप में दूसरी कंपनी का वैक्सीन दिया गया. उधर, वैक्सीनेशन सेंटर के अधिकारियों का कहना है कि युवक ने सर्टिफिकेट (वैक्सीनेशन ) नहीं दिखाया था और और अलग वैक्सीन लगाए जाने के बाद ही उन्हें, पहले वाले वैक्सीन की कंपनी के बारे में जानकारी दी थी. सर्टिफिकेट के अनुसार, हरतीरथ सिंह को पहली वैक्सीन के तौर पर 8 जून को कोवैक्सीन की डीज दी गई थी. एक NGO में कम्युनिटी डेवलपमेंट डायरेक्टर के तौर पर काम करने वाले हरतीरथ सिंह ने घटना को लेर बुधवार को ट्वीट किया, 'पहली डोज-कोवैक्सीन, दूसरी डोज-सर्टिफिकेट दिखाने के बावजूद कोविशील्ड. कृपया जल्द बताएं क्या करना चाहिए. यह गुड़गांव के रोजवुड सिटी, सेक्टर 49 के वैक्सीनेशनल सेंटर में हुआ. '
बाद में एक अन्य ट्वीट में हरतीरथ ने वैक्सीनेशन सेंटर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी के इस दावे का बिंदुवार खंडन किया जिसमें कहा गया था कि लाभार्थी ने वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट पेश नहीं किया था.
सिंह ने लिखा, 'मैं इतना शिक्षित हूं कि दो तरह की वैक्सीन के बीच का फर्क जानता हूं . ' उसने कहा, यहां तक कि वैक्सीनेशन सेंटर के डॉक्टर ने भी इसे मानवीय चूक के तौर पर स्वीकार किया है. उसने कहा कि मैंने अपने फोन से अपना वैक्सीन सर्टिफिकेट दिखाया था. जब मुझे टीका लगा तो नर्स ने मुझे बधाई देते हुए कहा कि दूसरा डोज कोविशील्ड है. उस समय मुझे अहसास हुआ कि मुझे दूसरे डोज के तौर पर कोविशील्ड वैक्सीन लगाई गई है. बाद में नर्स के साथ इसकी पुष्टि की और मुझे करीब दो घंटे तक आब्जर्वेशन में रखा और मेरा परीक्षण किया. एनडीटीवी से बात करते हुए हरतीरथ ने कहा, 'मैं सुबह से ही जोड़ों और शरीर में दर्द महसूस कर रहा हूं, मेरा सिर दुख रहा है. जिस फैमिली डॉक्टर से मेरी बात हुई है, उसने मुझे और साइड इफेक्ट के लिए एक और दिन का इंतजार करने को कहा है.' इस 'मिक्सअप' के बारे में पूछने पर गुड़गांव के मेडिकल ऑफिसर वीरेंद्र यादव ने एनडीटीवी को बताया कि वे इस मामले के बारे में पूछताछ करेंगे.