हरियाणा में 11 हजार टन गेहूं सड़ने के मामले में जांच रिपोर्ट आ गई है. 22 करोड़ रुपये का गेहूं सड़ने पर जांच कमेटी बैठी थी. जांच रिपोर्ट में कहा गया कि गेहूं सड़ने के लिए बारिश, नमी और धूप के साथ FCI जिम्मेदार है. जांच कमेटी ने हरियाणा खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों को क्लीन चिट दी. रिपोर्ट में कहा गया कि केवल 6 महीने के लिए गेहूं को खुले में रखा गया था लेकिन FCI ने तीन साल तक गेहूं नहीं उठाया. इसके चलते गेहूं सड़ गया. NDTV ने कैथल में गेहूं खराब होने की खबर प्रमुखता से दिखाई थी. खबर के बाद हरियाणा सरकार ने जांच कमेटी बनाई थी.
15 अक्टूबर को एनडीटीवी ने हरियाणा के चार शहरों में गरीबों में बंटने वाले 42 हजार मीट्रिक टन गेहूं के खराब होने की खबर दिखाई थी. तब हरियाणा खाद्य आपूर्ति विभाग ने कैथल के 5 अधिकारियों से खराब होने वाले गेहूं की भरपाई करने को कहा था. कैथल के खाद्य आपूर्ति अधिकारी प्रमोद शर्मा ने कहा था कि इस मामले में जो भी नुकसान है, वो वहां तैनात अधिकारियों से वसूला जाएगा. नुकसान की रकम 5 लोगों से वसूली जाएगी. इसकी प्रक्रिया हमने शुरू कर दी है.
कैथल से बीजेपी विधायक लीला राम गुर्जर ने भी कहा था कि कैथल में बड़ा घोटाला हुआ है. यहां भी एक खबर आई थी कि लोग गेहूं में पानी डाल रहे थे, जब उनसे पूछा गया कि क्यों ये पानी डाल रहे है तो बड़े अधिकारी उसे बचा ले गए थे.
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