किसान नेताओं और हरियाणा सरकार की बातचीत विफल, चार घंटे चली चर्चा

भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने बताया, 'हरियाणा के सीएम ने आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज केसों और प्रदर्शन के दौरान मारे गए किसानों को मुआवजे के मामले में हमें बैठक के लिए बुलाया था. '

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आंदोलन के दौरान दर्ज केसों की वापसी के मुद्दे पर हरियाणा के सीएम से मिलने किसान नेता पहुंचे
चंडीगढ़:

किसान आंदोलन से जुड़ी मांगों को लेकर हरियाणा सरकार और संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं (farmer leaders) के बीच में कोई सहमति नहीं बनी है और वार्ता विफल हो गई है.शुक्रवार को चंडीगढ़ में शाम 5:00 बजे ये वार्ता शुरू हुई यह बैठक करीबन 9:00 बजे खत्म हुई. इस दौरान किसानों पर दर्ज मामले वापस लेने,  मुआवजा देने, स्मारक स्थल बनाने और मृतक किसानों के आश्रितों को नौकरी देने संबंधी आदि मुद्दों पर चर्चा हुई.बैठक के बाद किसान नेता गुरनाम सिंह ने बताया कि बैठक के दौरान किसी भी मुद्दे पर सहमति नहीं बनी है. वार्ता में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (CM Manohar Lal Khattar) भी थे. 

सरकार सरकार ने ना तो नरमी दिखाई ना गर्मी दिखाई. उन्होंने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा अपनी अगली रणनीति के लिए शनिवार को सुबह 11:00 बजे बैठक करेगा. एसकेएम के बैठक में कल आगे की रणनीति पर फैसला होगा.

किसानों पर हरियाणा में दर्ज मुकदमों की वापसी और अन्‍य मुद्दों पर किसान नेताओं ने शुक्रवार को हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर से उनके निवास पर मुलाकात की. भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने  न्‍यूज एजेंसी ANI को बताया, 'हरियाणा के सीएम ने आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज केसों और प्रदर्शन के दौरान मारे गए किसानों को मुआवजे के मामले में हमें बैठक के लिए बुलाया था. '

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शाम को हुई इस बैठक में किसान नेताओं के प्रतिनिधिमंडल में गुरनाम सिंह चढूनी के अलावा प्रीतम सिंह मान, राकेश बैंस, जोगेन्दर नैन, इन्दरजीत सिंह, जरनैल सिंह शामिल थे.

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