गुजरात में रैगिंग के बाद MBBS स्टूडेंस की मौत, सीनियर्स ने घंटों तक खड़ा रखा

इस मामले में आरोप ये है कि 3 घंटे तक खड़े रहने के बाद अनिल बेहोश हो गया, तब उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया. जिसके बाद उसकी मौत हो गई.

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3 घंटे तक खड़े रहने के बाद अनिल बेहोश हो गया था.
नई दिल्ली:

गुजरात के मेडिकल कॉलेज के फर्स्ट ईयर स्टूडेंट की मौत कथित तौर पर तब हुई जब सीनियर्स ने उसे रैगिंग करते हुए तीन घंटे तक खड़ा रखा. अनिल मेथानिया नाम के स्टूडेंट ने इसी साल धारपुर पाटन में जीएमईआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एडमिशन लिया था. इस मामले में आरोप है कि हॉस्टल में थर्ड ईयर के स्टूडेंट्स ने उसे इंट्रोडक्शन के लिए लगातार तीन घंटे तक खड़ा रखा. इंट्रोडक्शन एक ऐसा वर्ड है जिसका इस्तेमाल कॉलेज कैंपस में अक्सर रैगिंग के लिए किया जाता है. रैगिंग के दौरान सीनियर्स नए स्टूडेंट्स को परेशान करते हैं.

सीनियर्स ने 3 घंटे तक खड़े रखा

आरोप ये भी है कि 3 घंटे तक खड़े रहने के बाद अनिल बेहोश हो गया, तब उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया. उसने पुलिस के सामने बयान दर्ज कराया कि उसे 3 घंटे तक खड़ा रखा गया. इसके तुरंत बाद उसकी मौत हो गई. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और इसकी रिपोर्ट से मौत के कारणों के बारे में और जानकारी मिलने की संभावना है. अनिल के चचेरे भाई धर्मेंद्र ने कहा कि परिवार गुजरात के सुरेंद्रनगर जिले में रहता है - जो पाटन के कॉलेज से 150 किलोमीटर से भी ज्यादा दूर है. उन्होंने कहा, "हमें कल कॉलेज से फोन आया और बताया गया कि अनिल बेहोश हो गया है और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जब हम यहां पहुंचे तो हमें पता चला कि थर्ड ईयर के स्टूडेंट्स ने उसकी रैगिंग की है, हमें न्याय चाहिए."

मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर मामले की जांच

मेडिकल कॉलेज के डीन हार्दिक शाह ने कहा, "जैसे ही हमें पता चला कि वह बेहोश हो गया है, हमने उसे अस्पताल में भर्ती कराया. उसने पुलिस को बताया कि उसके साथ रैगिंग की गई और उसे तीन घंटे तक खड़ा रखा गया. हमने पुलिस और परिवार को सूचित कर दिया है और सख्त कार्रवाई करने की कोशिश करेंगे." सीनियर पुलिस अधिकारी केके पांड्या ने कहा कि छात्र के पिता ने शिकायत दर्ज कराई है और आकस्मिक मौत का मामला दर्ज किया गया है. उन्होंने कहा, "शव परीक्षण किया गया है और मेडिकल रिपोर्ट से घटना पर रिपोर्ट मांगी गई है. जिसके आधार पर हम आगे की कार्रवाई करेंगे."

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रैगिंग के पहलू के बारे में पूछे जाने पर सीनियर अधिकारी ने कहा, "हमने इस पर भी कॉलेज से विस्तृत जानकारी मांगी है." उच्च शिक्षा नियामक विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने शैक्षणिक परिसरों में हर तरह की रैगिंग पर प्रतिबंध लगा दिया है और संबद्ध संस्थानों को रैगिंग या रैगिंग को बढ़ावा देने के दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए कहा गया है.

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