274 पहुंचा मौत का आंकड़ा, 100 से ज्यादा मजदूर उठा रहे मलबा, अहमदाबाद प्‍लेन क्रैश अपडेट्स

अहमदाबाद नगर निगम के 40 से ज्यादा इंजीनियर्स और 100 से ज्यादा मजदूरों की मदद से रात भर विमान का मलबा हटाने का काम तेज़ी से चला. इसके लिए दर्जन भर से ज्यादा भारी मशीनरी को मंगवाया गया.

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रात भर चला विमान का मलबा हटाने का काम
अहमदाबाद:

अहमदाबाद विमान हादसे में मृतकों का आंकड़ा अब 265 से बढ़कर 274 हो गया है. इसमें विमान यात्रियों के अलावा 33 अन्य लोग भी शामिल हैं. ग़ैर आधिकारिक आँकड़ों के मुताबिक 220 शव के DNA परीक्षण के लिए सैंपल ले लिया गया है. मृतकों के परिजनों को डीएनए की रिपोर्ट आने के बाद शव को दिया जाएगा. विमान यात्रियों के अलावा स्थानीय लोग और MBBS छात्र भी इस हादसे में मारे गए हैं. 

अहमदाबाद विमान हादसे में 33 स्थानीय लोग और हॉस्टल की मेस में खाना खाने वाले MBBS छात्र भी मारे गए हैं. मेघानी कॉलोनी के स्थानीय नागरिक धर्मेंद्र के मुताबिक, एयर इंडिया ड्रीम लाइनर 787 जब बीजे  मेडिकल कॉलेज के कैंपस में क्रैश हुआ, तो मेस अफरा-तफरी मच गई. उस वक्त 60-70 छात्र खाना खा रहे थे, इसके चलते मौत का आँकड़ा बढ़ा है. मारे गए एमबीबीएस छात्र में जयप्रकाश चौधरी आर्यन राजपूत, राकेश तिवारी और मानव भादू भी शामिल हैं. इसके अलावा चाय की रेहडी लगाने वाले 15 साल के आकाश पटनी भी मृतकों में शामिल हैं.

रात भर चला विमान का मलबा हटाने का काम 

अहमदाबाद नगर निगम के 40 से ज्यादा इंजीनियर्स और 100 से ज्यादा मजदूरों की मदद से रात भर विमान का मलबा हटाने का काम तेज़ी से चला. इसके लिए दर्जन भर से ज्यादा भारी मशीनरी को मंगवाया गया. बड़ी-बड़ी ड्रिलिंग मशीन से मेस की छत को काटकर विमान का टेल हटाया जा रहा है.

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विमान का ब्लैक बॉक्स मिला 

विमान का ब्लैक बॉक्स मिल चुका है. हालांकि, इसके डिकोड करने में थोड़ा वक्त लगेगा. तभी पता लगेगा कि हादसा कैसे और किन हालात में हुआ है. एक ब्लैक बॉक्स दो हिस्से में बंटा होता है. इसमें एक होता है सीवीआर जिसे कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर भी कहा जाता है. इसमें पायलट और सह पायलट की बातचीत, अलार्म और कॉकपिट की आवाजें रिकॉर्ड होती हैं. वहीं दूसरा हिस्सा होता है एफडीआर यानी फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर होता है. किसी भी विमान हादसे की जांच में ब्लैक बॉक्स की भूमिका बहुत अहम होती है.

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