भारत ने गुरुवार को कुवैत के खिलाफ फीफा विश्व कप 2026 का क्वालीफायर मैच ड्रॉ खेलकर अपने करिश्माई स्ट्राइकर सुनील छेत्री को विदाई दी. भारत अगर जीत दर्ज करता तो छेत्री के लिए यह अच्छी विदाई होती क्योंकि इस मैच में ड्रॉ खेलने से उसकी क्वालीफायर्स के तीसरे दौर में पहुंचने की संभावनाओं को करारा झटका लगा है. इस मैच में ड्रॉ से अब भारत के पांच अंक हो गए हैं. उसे अपना अंतिम मैच 11 जून को एशियाई चैंपियन कतर के खिलाफ खेलना है. कुवैत के चार अंक हैं और वह उसी दिन अफगानिस्तान के खिलाफ मैच खेलेगा.
भारतीय फुटबॉल की पहचान रहे 39 वर्षीय छेत्री ने इस मैच के साथ ही 19 साल तक चले अपने अंतरराष्ट्रीय करियर को भी अलविदा कहा. उन्होंने भारत की तरफ से 94 गोल किए. वह अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में सर्वाधिक की गोल करने वाले खिलाड़ियों की सूची में पुर्तगाल के सुपरस्टार क्रिस्टियानो रोनाल्डो (128), ईरान के दिग्गज अली डेई (108) और अर्जेंटीना के करिश्माई खिलाड़ी लियोनेल मेसी (106) के बाद चौथे स्थान पर हैं.
भारत जैसे देश के किसी खिलाड़ी के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि है तथा 16 मई को जब उन्होंने अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से संन्यास लेने की घोषणा की तो फीफा ने भी उनकी उपलब्धियों की सराहना की थी. छेत्री को विदाई देने के लिए हजारों दर्शक स्टेडियम में पहुंचे थे. साल्ट लेक स्टेडियम की क्षमता 68000 दर्शकों की है और पूरा स्टेडियम खचाखच भरा था. इनमें उनके पिता खरगा और माता सुशीला तथा पत्नी सोनम भट्टाचार्य के अलावा कई अधिकारी और पूर्व खिलाड़ी भी शामिल थे.
दर्शकों को हालांकि आखिर में यह मलाल रह गया कि छेत्री अपने अंतिम अंतरराष्ट्रीय मैच में गोल नहीं कर पाए. छेत्री हालांकि क्लब फुटबॉल में खेलते रहेंगे. उनका इंडियन सुपर लीग की टीम बेंगलुरू एफसी के साथ अगले साल तक अनुबंध है. छेत्री ने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच 12 जून 2005 को पाकिस्तान के खिलाफ क्वेटा में खेला था. वह मैच 1-1 से ड्रॉ छूटा था. छेत्री ने उस मैच में गोल किया था लेकिन गुरुवार को वह ऐसा करिश्मा नहीं दिखा पाए.
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