Mindful Eating: आज के समय में मोटापा सिर्फ शरीर का वजन बढ़ने की समस्या नहीं है, बल्कि यह पूरे स्वास्थ्य पर असर डालने वाली स्थिति है. जब शरीर में वसा (फैट) अधिक मात्रा में जमा हो जाती है, तो इसका असर हृदय की कार्यप्रणाली, पाचन तंत्र (मेटाबॉलिज्म) और शरीर की ऊर्जा या जीवनशक्ति (वाइटैलिटी) पर पड़ता है. इससे व्यक्ति जल्दी थकान महसूस करता है, सुस्ती आती है और धीरे-धीरे शुगर, ब्लड प्रेशर और हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है.
आयुर्वेद में मोटापे को स्थौल्य कहा गया है. यह तब होता है जब शरीर में कफ दोष बढ़ जाता है यानी शरीर भारी, ठंडा और सुस्त बनने लगता है. आयुर्वेद के अनुसार, यह असंतुलन हमारी गलत खान-पान की आदतों, अस्थिर दिनचर्या और मानसिक तनाव के कारण होता है. देर रात भोजन करना, तैलीय और मीठे पदार्थों का ज्यादा सेवन, शारीरिक गतिविधि की कमी और पर्याप्त नींद न लेना मोटापे के मुख्य कारण माने जाते हैं.
ये भी पढ़ें: बवासीर की समस्या के लिए काल है ये फल, आर्युर्वेदिक डॉक्टर ने बताया सेवन का तरीका और फायदे
आयुर्वेद यह नहीं कहता कि वजन घटाने के लिए भूखे रहें या सख्त डाइट अपनाएं. इसके बजाय यह सिखाता है कि हमें अपने आहार और जीवनशैली में संतुलन लाना चाहिए. दिन की शुरुआत हल्के व्यायाम, योग या प्राणायाम से करना, भोजन में ताजे और हल्के खाद्य पदार्थ लेना और रात को समय पर सोना शरीर को संतुलन में रखता है. इसके साथ ही धीरे-धीरे खाना, ठीक से चबाना और मन लगाकर भोजन करना भी महत्वपूर्ण है. इसे ही ‘माइंडफुल ईटिंग' कहा गया है.
आयुर्वेदिक ग्रंथों में मोटापा कम करने के लिए कुछ प्राकृतिक औषधियां बताई गई हैं. इनमें गिलोय शरीर से विषैले तत्वों को निकालकर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है. वहीं गुग्गुलु वसा को जलाने और पाचन को दुरुस्त करने में मदद करता है. इसके अलावा त्रिफला भी एक शक्तिशाली हर्बल संयोजन है, जो पाचन और डिटॉक्स दोनों में फायदेमंद है.
आयुर्वेद मानता है कि शरीर और मन का संतुलन ही असली स्वास्थ्य है. जब हम अपनी आदतों को प्रकृति के अनुरूप बनाते हैं, तो न केवल हमारा वजन नियंत्रित होता है, बल्कि हम अंदर से ऊर्जावान, हल्के और प्रसन्न महसूस करते हैं.
Gurudev Sri Sri Ravi Shankar on NDTV: Stress, Anxiety, से लेकर Relationship, Spirituality तक हर बात
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)














