Soaked Walnut Benefits: क्या आप जानते हैं कि एक छोटे से अखरोट के अंदर आपके स्वास्थ्य के लिए कितने सारे फायदे छुपे हुए होते हैं आज हम बात करेंगे अखरोट के कुछ अद्भुत स्वास्थ्य लाभों के बारे में. वैसे तो अखरोट के अनेकों हेल्थ बेनिफिट्स हैं लेकिन आज हम आपको अखरोट खाने के पांच ऐसे फायदे बताएंगे जो कि पूरी तरह से विज्ञान ने भी माने हैं. अगर आप अखरोट को भिगोकर हर सुबह खाली पेट इसका सेवन करते हैं तो यह आपको ऐसे स्वास्थ्य लाभ देगा जो आपको हैरान कर देंगे. डॉक्टर सलीम जैदी ने अखरोट का सेवन करने के फायदों के बारे में बताया है. आइए जानते हैं कि इसका सेवन करने के लाभ और सेवन के सही तरीके के बारे में.
अखरोट खाने के फायदे (Walnut Benefits)
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1. हार्ट हेल्थ
अखरोट में ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है जो आपके दिल के लिए वरदान की तरह होती है. यह ओमेगा थ्री फैटी एसिड्स बैड एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को तो कम करते हैं और गुड कोलेस्ट्रॉल को यानी एचडीएल को बढ़ा देते हैं. एक रिसर्च के अनुसार रोजाना अखरोट खाने से दिल की बीमारियों का जख्म कम होता है और यह सिर्फ एक उदाहरण है इसके अलावा भी बहुत सारे ऐसे शोध हैं जो बताते हैं कि अखरोट दिल के लिए कितने ज्यादा फायदेमंद है वैसे इसका यह मतलब मत समझिए कि आपको दवाइयां सारी बंद कर देनी हैं और सीधे आपको अखरोट पे हमला कर देना है. लेकिन हां अगर आप अपने आहार में अखरोट को शामिल करते हैं इसको सही क्वांटिटी में सही तरीके से खाते हैं, तो इससे आपकी हार्ट हेल्थ को बेहतर बनाने में आपको मदद जरूर मिलेगी.
2. ब्रेन हेल्थ
अखरोट में एंटीऑक्सीडेंट्स की मात्रा काफी ज्यादा होती है जो हमारे दिमाग को प्रोटेक्शन प्रोवाइड करते हैं. अखरोट को नेचर का ब्रेन फूड भी कहा जाता है. इसका आकार कुछ-कुछ हमारे दिमाग की ही तरह दिखता है. है ना लेकिन यह सिर्फ संयोग नहीं है कि यह हमारे दिमाग की तरह दिख रहा है. अखरोट में एंटीऑक्सीडेंट्स और ओमेगा थ्री फैटी एसिड्स जो पाए जाते हैं ये दिमाग की कार्यक्षमता को बेहतर बनाने में काफी ज्यादा मदद करते हैं. रिसर्च बताती है कि नियमित रूप से अगर आप अखरोट खाते हैं तो उससे आपके अंदर कॉग्निटिव डिक्लाइन में कमी आती है यानी उम्र बढ़ने के साथ-साथ जो दिमाग में कमजोरी आने लगती है उसमें कमी आती है. तो अगर आप चाहते हैं कि आपकी ब्रेन हेल्थ बेहतर बने, आपकी याददाश्त अच्छी रहे, बुढ़ापे में भी दिमाग सही से काम करता रहे तो अपनी डाइट में आपको अखरोट जरूर शामिल करने चाहिए. यह आपके दिमाग के लिए एक नेचुरल टॉनिक की तरह काम करे.
3. वेट मैनेजमेंट
अखरोट आपके वजन को भी नियंत्रित करने में मददगार हो सकता है. अक्सर लोग सोचते हैं कि ड्राई फ्रूट्स वजन बढ़ाते हैं लेकिन अखरोट के मामले में यह बात थोड़ी सी अलग अलग है, क्योंकि अखरोट में फाइबर और हेल्दी फैट्स ऐसे होते हैं जो कि आपको जल्दी फुल फील करवाते हैं. मतलब कि आप कम खाते हैं और फिर भी आपको भरपूर संतुष्टि मिल जाती है. लेकिन ये भी याद रखना बहुत जरूरी है कि मॉडरेशन इज द की अक्सर लोग ये सोच के कि इससे वजन कम होता है और अखरोट को ज्यादा खा जाते हैं जो कि एक बहुत बड़ी गलती है. अगर आप मॉडरेशन में इसको नहीं खाते हैं तो क्योंकि ये एक कैलोरी डेंस फूड है यानी इसके अंदर कम क्वांटिटी में ज्यादा कैलोरीज होती हैं. तो अगर आप इसको ज्यादा खा जाएंगे तो आपका वजन घटेगा नहीं बल्कि उल्टा बढ़ जाएगा. इसलिए मॉडरेशन का ध्यान रखें सही तरीके से अपने डाइटिशियन के इंस्ट्रक्शंस के अनुसार ही आप अखरोट को इस्तेमाल करें, और उसके बाद आप देखें कि आपको वजन नियंत्रित करने में ये कितना मदद करेगा.
4. एंटी इन्फ्लेमेटरी
एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज यानी सूजन की रोकथाम करने वाले गुण अखरोट में मौजूद अल्फा लिनक एसिड यानी एएल ए और पॉलिफिनॉल्स जैसे कंपाउंड से सूजन को कम करने में काफी ज्यादा मदद कर सकते हैं. यह ऐसे पावरफुल एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो कि हमारे शरीर की सूजन को नियंत्रित करते हैं जो कि अर्थराइटिस और दिल की बड़ी-बड़ी बीमारियां पैदा करने के लिए बहुत ही बड़े फैक्टर्स होते हैं. सोचिए अगर आप एक छोटा सा अखरोट रोजाना खाते हैं तो यह आपके शरीर की सुरक्षा कवच की तरह काम करता है और बॉडी के अंदर इंफ्लेमेशन को रोक देता है.
इंफ्लेमेशन के नुकसान
अगर आपको लग रहा है कि सूजन तो बड़ी मामूली सी चीज है तो आपको बता दें कि ये जो इन्फ्लेमेशन यानी सूजन होती है अंदरूनी ये बहुत ही ज्यादा बुरी चीज होती है. अगर ये आपके जोड़ में हो जाए तो अर्थराइटिस पैदा हो जाता है. लिवर में हो जाए तो हेपेटाइटिस पैदा हो जाता है. आंतों में हो जाए तो आपकी आंतों में सूजन आ जाती है. अगर आपके दिमाग में हो जाए तो दिमाग में सूजन आ जाती है. नसों में हो जाए तो वहां सूजन आ जाती है और अगर दिल में और हमारे खून की नसों में हो जाए तो उसकी वजह से वहां ब्लड क्लॉटिंग भी हो सकती है, और यह जानलेवा भी हो सकता है. तो सिर्फ सूजन समझ के इसको मामूली मत समझिए इंटरनल इंफ्लेमेशन एक बहुत ही बड़ी चीज है जिसकी रोकथाम अच्छी सेहत के लिए बहुत ही जरूरी है.
5. उम्र बढ़ने के प्रभाव को धीमा करना
ओमेगा-3, एंटीऑक्सीडेंट और मिनरल्स से भरपूर अखरोट शरीर को अंदर से मजबूत बनाता है. यह त्वचा, दिमाग और हार्ट हेल्थ को सपोर्ट करता है, जिससे व्यक्ति लंबे समय तक फिट और सक्रिय रह सकता है.
कैसे और कब खाएं अखरोट
विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि रोजाना दो से तीन अखरोट की गिरी रातभर पानी में भिगोकर सुबह खाली पेट खाएं. सर्दियों में इसका सेवन खासतौर पर फायदेमंद माना जाता है, लेकिन भिगोकर खाने पर इसे पूरे साल लिया जा सकता है.
किन्हें बचना चाहिए
नट्स एलर्जी वाले लोग, ब्लड थिनर दवाएं लेने वाले मरीज, लो-कैलोरी डाइट पर रहने वाले, हर्पीज संक्रमण से पीड़ित और पित्त की पथरी वाले व्यक्तियों को अखरोट से परहेज या सीमित सेवन की सलाह दी जाती है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)