शीरमाल: रोटी या मिठाई? जानिए इस नवाबी डिश की कहानी, लखनऊ के 3 ऐसे ठिकाने जहां आज भी शाही है Sheermal का स्वाद

Sheermal Roti History: इस सम्मान के पीछे कई व्यंजन हैं, लेकिन एक ऐसा नाम है जो अक्सर चर्चा से बाहर रह जाता है शीरमाल. यह एक ऐसी रोटी है जो दिखने में साधारण लगती है, लेकिन स्वाद में शाही है. सवाल उठता है क्या शीरमाल रोटी है या मिठाई? आइए जानते हैं इसकी कहानी.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
Sheermal Roti: शीरमाल एक मीठी रोटी है जो केसर, दूध, घी और मैदा से बनाई जाती है.

Best Sheermal in Lucknow: लखनऊ, जिसे नवाबों का शहर कहा जाता है अब UNESCO की क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी (Creative City of Gastronomy) की सूची में शामिल हो चुका है. यह सम्मान लखनऊ की समृद्ध पाककला विरासत, खासकर अवधी व्यंजनों की रचनात्मकता और सांस्कृतिक गहराई को दर्शाता है. इस शहर की पहचान उसके नवाबी अंदाज में है. जहां खाना बनाना एक कला है और परोसना एक संस्कार. लखनऊ की रसोई में स्वाद केवल मसालों से नहीं, बल्कि इतिहास, परंपरा और भावनाओं से बनता है.

इस वैश्विक मान्यता के पीछे कई व्यंजन हैं, लेकिन एक ऐसा नाम है जो अक्सर चर्चा से बाहर रह जाता है शीरमाल. यह एक ऐसी रोटी है जो दिखने में साधारण लगती है, लेकिन स्वाद में शाही है. सवाल उठता है क्या शीरमाल रोटी है या मिठाई? आइए जानते हैं इसकी कहानी.

शीरमाल: रोटी की मिठास या मिठाई की नरमी?

शीरमाल एक मीठी रोटी है जो केसर, दूध, घी और मैदा से बनाई जाती है. इसका नाम फारसी शब्दों से आया है 'शीर' यानी दूध और 'माल' यानी रोटी. इसे पारंपरिक रूप से तंदूर में पकाया जाता है और ऊपर से घी लगाया जाता है जिससे इसकी बनावट नरम और स्वाद रेशमी हो जाता है.

इसका स्वाद न तो पूरी तरह मिठाई जैसा होता है और न ही आम रोटी जैसा. यही कारण है कि इसे रोटी और मिठाई के बीच का स्वाद माना जाता है. इसे अक्सर कबाब, कोरमा या बिरयानी के साथ परोसा जाता है, जिससे इसका मीठा स्वाद नमकीन व्यंजनों के साथ संतुलन बनाता है.

ये भी पढ़ें: कबाब से लेकर बिरयानी तक, लखनऊ के इन व्यंजनों को मिला UNESCO का ताज, PM मोदी ने सराहा पाककला का जादू

शीरमाल का इतिहास क्या है?

शीरमाल की उत्पत्ति मुगल काल में हुई थी, जब नवाबों की रसोई में रोटियों को भी शाही अंदाज में परोसा जाता था. यह रोटी खास मौकों पर बनाई जाती थी, जैसे त्योहार, शादी या दरबार में दावत. इसका रंग केसर से सुनहरा होता है और खुशबू इतनी मोहक कि खाने से पहले ही मन खुश हो जाए.

Advertisement

लखनऊ की पाककला में शीरमाल एक ऐसा व्यंजन है जो सादगी में शाहीपन का उदाहरण है. UNESCO ने लखनऊ की इसी विशेषता को पहचाना, जहां हर व्यंजन में इतिहास और संस्कृति की परतें होती हैं.

लखनऊ के 3 ठिकाने जहां शीरमाल का स्वाद आज भी शाही है?

1. अली हुसैन शीरमाल वाले (अमीनाबाद)

1830 से चल रही यह दुकान लखनऊ की सबसे पुरानी शीरमाल बनाने वाली जगह है. यहां की रोटी धीमी आंच पर पकाई जाती है और आज भी छठी पीढ़ी पारंपरिक विधि से इसे बनाती है.

Advertisement

2. दास्तान-ए-अवध (हजरतगंज)

यह रेस्त्रां शीरमाल को मॉडर्न अंदाज में परोसता है जैसे शीरमाल स्लाइडर या शीरमाल रोल्स। यहाँ परंपरा और नवाचार का सुंदर मेल देखने को मिलता है.

3. रहमतुल्ला कबाबी (अकबरी गेट)

यहां शीरमाल को गालौटी कबाब और नीहार के साथ परोसा जाता है. स्वाद ऐसा कि हर निवाला इतिहास की कहानी सुनाए.

Advertisement

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

Featured Video Of The Day
Mathura Yamuna Expressway Deadly Accident: 'काल' बन रहा घना कोहरा! आप भी ये गलती तो नहीं कर रहे?