शरद पूर्णिमा 2022 कब है कोजागरी पूर्णिमा, उत्सव के लिए बनाएं ये 5 पारंपरिक भोग रेसिपी

भारत में इन दिनों त्योहारों का सीजन चरम पर है और हम एक के बाद एक कई तरह के त्योहार मना रहे हैं.

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  • हम जल्द ही शरद पूर्णिमा मनाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.
  • इसे कोजागरी पूर्णिमा और रास पूर्णिमा के रूप में भी जाना जाता है.
  • देवी लक्ष्मी को कोजागरी भी कहा जाता है.
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भारत में इन दिनों त्योहारों का सीजन चरम पर है और हम एक के बाद एक कई तरह के त्योहार मना रहे हैं. भारत भर के हिंदुओं ने हाल ही में नवरात्रि और दुर्गा पूजा विजया दशमी और दशहरा मनाया और अब, हम जल्द ही शरद पूर्णिमा मनाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. इसे कोजागरी पूर्णिमा और रास पूर्णिमा के रूप में भी जाना जाता है, इस दिन भक्त, समृद्धि के लिए इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं. जिन लोगों को मालूम नहीं है उन्हें बता दें किब देवी लक्ष्मी को कोजागरी भी कहा जाता है. बंगाल में इसे लोकखी (लक्ष्मी) पूजा के रूप में मनाया जाता है, जबकि गुजराती इस त्योहार को शरद पूनम के रूप में मनाते हैं. बृज क्षेत्र में, शरद पूर्णिमा को रास पूर्णिमा भी कहा जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान कृष्ण ने महा-रास किया था.

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शरद पूर्णिमा 2022 : कोजागरी पूर्णिमा की तिथि और समयः

इस साल शरद पूर्णिमा 9 अक्टूबर 2022 (रविवार को पड़ रही है. ऐसा कहा जाता है कि शरद पूर्णिमा नवरात्रि या दुर्गा पूजा की महा सप्तमी के ठीक एक सप्ताह बाद आती है.

शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय . 05: 51 अपराह्न

पूर्णिमा तिथि शुरू . 03: 41 पूर्वाह्न 09 अक्टूबर, 2022

पूर्णिमा तिथि समाप्त . 10 अक्टूबर, 2022 को पूर्वाह्न 02: 24

स्रोत (: www.drikpanchang.com

शरद पूर्णिमा 2022: इस उत्सव के लिए यहां देखें 5 क्लासिक भोग रेसिपीज

जैसा कि पहले जिक्र किया जा चुका है, शरद पूर्णिमा भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग मान्यताओं के साथ मनाई जाती है. बंगाली जहां समृद्धि के लिए देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं, वहीं गुजराती स्वास्थ्य के देवता की पूजा करते हैं. लेकिन जो चीज सबके लिए आम है वह है उपवास. लोग पूरे दिन व्रत रखते हैं और अपने प्रिय देवता को प्रसन्न करने के लिए भोग तैयार करते हैं. त्योहार के दौरान खिचड़ी और पुलाव से लेकर खीर तक तरह-तरह के मीठे और नमकीन व्यंजन बनाए जाते हैं.

हम आपके लिए लाए हैं कुछ ऐसी क्लासिक भोग रेसिपी जो शरद पूर्णिमा के दौरान बनाई जाती हैं. यहा देखेंः

खिचड़ी (खिचुरी)

बंगाल में एक लोकप्रिय भोग रेसिपी, खिचड़ी गोबिंदभोग चावल, मूंग दाल, कुछ मौसमी सब्जियों और मसालों के साथ बनाई जाती है. आप इसे (लब्रा बंगाली मिक्स वेज) और चटनी के साथ पेयर सकते हैं. रेसिपी के लिए यहां क्लिक करें.

लुची (पूरी)

यह लगभग हर भोग थाली में भी एक स्थिर स्थान रखता है. आप इसे आसानी से घर पर बना सकते हैं और सूजी के हलवे के साथ परोस सकते हैं. रेसिपी के लिए यहां क्लिक करें.

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सूजी का हलवा

सूजी, घी, चीनी और ड्राई के साथ पकाया जाता है, हलवा कम्फर्ट को परिभाषित करता है. यह लगभग हर भारतीय घर में एक क्लासिक स्वीट डिश के रूप में बनाया जाता है और लुची (पूरी) के साथ परोसने पर बहुत अच्छा लगता है. रेसिपी के लिए यहां क्लिक करें.

खीर

इसे खीर कहें, पायेश या पायसम यह मलाईदार गुडने भारतीय मिठाई को परिभाषित करती है. यह, चावल को दूध और चीनी के साथ पकाया जाता है और अपनी पसंद के ड्राई फ्रूट्स डाल सकते हैं. हालांकि, टेक्सचर और स्वाद हर जगह अलग.अलग होता है. कुछ चीनी के जगह पर गुड़ का उपयोग करते हैं, जबकि कुछ लोग एक्ट्रा सुगंध के लिए इलायची पाउडर डालना पसंद करते हैं. व्यंजन के लिए यहां क्लिक करें.

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नारियल लड्डू

अंत में, एक भोग की थाली लड्डू के बिना कभी पूरी नहीं लगती. इसलिए, हम आपके लिए नारियल लड्डू लाए हैं. बंगाली में ‘नारकेल नाडु' भी कहा जाता है, यह कुछ ही समय में मुंह में घुल जाता है. व्यंजन के लिए यहां क्लिक करें.

अब जब आपके पास रेसिपीज हैं, तो हम सुझाव देते हैं कि इन्हें भोग के लिए तैयार करें और शरद पूर्णिमा को बहुत उत्साह के साथ मनाएं.

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शरद पूर्णिमा 2022 की शुभकामनाएं!

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