Navratri 5th Day: नवरात्रि के पांचवें दिन माता के इस रूप की होती है पूजा, जानें पूजन विधि और भोग रेसिपी

Navratri 5th Day Pujan: नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंदमाता की पूजा का विधान है. इस दिन आप माता इस चीज का भोग लगा सकते हैं.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
Navratri 5th Day Pujan: नवरात्रि के पांचवें दिन इस चीज का लगाएं भोग.

Shardiya Navratri 2024 5th Day: शारदीय नवरात्रि की धूम देशभर में देखने को मिल रही है, जहां माता के पंडाल सजाए जाते हैं और उनमें मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों के दर्शन होते हैं. नौ दिनों तक चलने वाले इस उत्सव के पांचवें दिन स्कंदमाता की पूजा की जाती है. पुराणों के अनुसार, भगवान स्कन्द की माता होने के कारण इन्हें स्कंदमाता के नाम से जाना जाता है. देवी स्कंदमाता को सफेद रंग अत्यंत पसंद है जो शांति और सुख का प्रतीक है. मां का यह स्परूप परम शांति और सुख का अनुभव कराता है. माता की पूजा करने से वे अपने भक्तों की समस्त इच्छाओं की पूर्ति करती हैं. साथ ही उनकी पूजा से मोक्ष के द्वार भी खुल जाते हैं. आइए जानते हैं मां के इस स्वरूप और पूजा विधि के बारे में.

पंचमी तिथि 
हिंदू पंचांग के अनुसार पंचमी तिथि की शुरुआत 7 अक्टूबर दिन सोमवार को 09:47 ए एम से शुरू होगी जिसका समापन 8 अक्टूबर दिन मंगलवार को 11:17 ए एम पर होगा.

ये भी पढ़ें-  आज क्या बनाऊं: नवरात्रि में रेगुलर मीठा खाकर हो गए हैं बोर, तो इस स्पेशल डिश को करें ट्राई

कैसा है देवी का ये स्वरूप?
मां दुर्गा अपने इस स्वरूप में कमल के आसन पर विराजमान हैं, जिसके कारण उन्हें पद्मासना देवी भी कहा जाता है. इसके अलावा उनका वाहन सिंह है. इस स्वरूप में मां की चार भुजाएं हैं, जिसमें से दाहिनी तरफ की ऊपर वाली भुजा में भगवान स्कंद गोद में हैं. वहीं दाहिनी तरफ की नीचे वाली भुजा में कमल पुष्प है. जबकि, बाईं तरफ की ऊपर वाली भुजा वरमुद्रा में और नीचे वाली भुजा में कमल पुष्प हैं.

इस विधि से करें पूजा
स्कंदमाता के इस स्वरूप की पूजा के लिए आपको सबसे पहले उस स्थान पर माता की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करनी होगी जहां आपने कलश स्थापना की है. इसके बाद आप माता को फूल चढ़ाएं और फिर फल और मिष्ठान का भोग लगाएं. धूप और घी का दीप जलाएं और फिर माता की आरती करें. इस तरह से पूजा करना बहुत ही शुभ माना गया है और इससे आपको माता का आशीर्वाद भी मिलेगा.

भोग में क्या अर्पित करें?
मां स्कंदमाता की आराधना के लिए नवरात्रि का पांचवां दिन समर्पित किया गया है. इस स्कंदमाता को केले का भोग लगाना चाहिए. इससे माता प्रसन्न होकर भक्तों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करती हैं.

देवी स्कंदमाता का मंत्र
सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया । शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥

Advertisement

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

Advertisement
Featured Video Of The Day
PM Modi Kuwait Visit: Kuwait में भारतीय श्रमिकों से कुछ यूं मिले PM मोदी, जानें क्या-क्या बातें हुई