Maa Chandraghanta: आज है नवरात्रि का तीसरा दिन, ऐसे करें मां चंद्रघंटा की पूजा, यहां जानें पूजन विधि, मंत्र और भोग

Maa Chandraghanta Day: आज है नवरात्रि का तीसरा दिन है. नवरात्रि के तीसरे दिन मां के तीसरे स्वरूप माता चंद्रघंटा की पूजा की जाती है. इस बार नवरात्रि की शुरूआत 26 सितंबर से हुई जो 4 अक्टूबर तक हैं.

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Navratri 2022 Maa Chandraghanta Puja: आज है नवरात्रि का तीसरा दिन है. नवरात्रि के तीसरे दिन मां के तीसरे स्वरूप माता चंद्रघंटा की पूजा की जाती है. इस बार नवरात्रि की शुरूआत 26 सितंबर से हुई जो 4 अक्टूबर तक हैं. नवरात्रि पर्व को हिंदू धर्म में पूरे देश में धूम-धाम से मनाया जाता है. नवरात्रि में नौ दिन मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता चंद्रघंटा (Maa Chandraghanta) को राक्षसों की वध करने वाली देवी कहा जाता है. ऐसा माना जाता है मां ने अपने भक्तों के दुखों को दूर करने के लिए हाथों में त्रिशूल, तलवार और गदा रखा हुआ है. माता चंद्रघंटा के मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र बना हुआ है, जिस वजह से भक्त मां को चंद्रघंटा कहते हैं. इनके शरीर का रंग सोने के समान बहुत चमकीला है. इनके दस हाथ हैं. इनके दसों हाथों में खड्ग आदि शस्त्र तथा बाण आदि अस्त्र विभूषित हैं. इनका वाहन सिंह है. मान्यता अनुसार माता दुर्गा ने मां चंद्रघंटा का अवतार तब लिया था जब दैत्यों का आतंक बढ़ने लगा था. मां चंद्रघंटा को दूध या दूध से बनी चीजों का भोग लगाया जाता है.

मां चंद्रघंटा भोग- Maa Chandraghanta Bhog:

मां चंद्रघंटा को दूध या दूध से बनी चीजों का भोग लगाया जाता है. आप माता को भोग में दूध से बनी चीजों का भोग लगा सकते हैं. भोग में आप माता के लिए मिल्क केक बना सकते हैं. इस पॉपुलर मिठाई को बनाने के लिए दूध, चीनी, क्रीम और ड्राई फ्रूट्स की जरूरत होती है. पूरी रेसिपी के लिए क्लिक करें.   

मां चंद्रघंटा पूजा विधिः Maa Chandraghanta Pujan Vidhi:

मां चंद्रघंटा को भगवान शिव की पत्नी बनने के बाद देवी पार्वती का विवाहित रूप भी माना जाता है. इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर साफ कपड़े धारण करें. इसके बाद मंदिर को अच्छे से साफ करें. फिर विधि-विधान से मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप माता चंद्रघंटा की अराधना करें. माना जाता है कि मां की अराधना उं देवी चंद्रघंटायै नम: का जप करके की जाती है. मां को पंचामृत यानी दूध, दही, घी और शहद से स्नान कराने के बाद माता का श्रंगार करें. माता को वस्त्र, चंदन, रोली, हल्दी, सिंदूर, नारियल, गुड़हल का फूल, फल और मिठाई अर्पित करें. 

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मां चंद्रघंटा मंत्रः Maa Chandraghanta Mantra:

पिण्डजप्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्रकेर्युता.

प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता॥

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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