Sharad Navaratri 2021: कब है शरद नवरात्रि? यहां जानें इसका महत्व और व्रत रखने के पांच नियम

त्योहारों का मौसम आ गया है और पूरे भारत में हिंदू साल के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक - शरद नवरात्रि को मनाने के लिए तैयारी कर रहे हैं.

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Shardiya Navaratri 2021: यह नौ दिन त​क चलने वाला पर्व है.
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  • भारत में हिंदुओं के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है शरद नवरात्रि.
  • जिन लोगों को पता नहीं है उन्हें बता दें कि एक साल में चार नवरात्रि आती है
  • जिनमें से दो को बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है.
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त्योहारों का मौसम आ गया है और पूरे भारत में हिंदुओं के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक - शरद नवरात्रि को मनाने के लिए तैयारी कर रहे हैं. जिन लोगों को पता नहीं है उन्हें बता दें कि एक साल में चार नवरात्रि आती हैं - जिनमें से दो को बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है. एक वसंत ऋतु (वसंत) के दौरान पड़ता है और इसे चैत्र नवरात्रि कहा जाता है, और दूसरा अश्विन के महीने (सितंबर-अक्टूबर के दौरान) में पड़ता है, जिसे शरद नवरात्रि कहते हैं. देवी दुर्गा के सम्मान में नौ दिनों का त्योहार, शरद नवरात्रि मनाया जाता है. नौ दिनों (और रातों) के लिए, देवी दुर्गा के नौ अवतारों की पूजा की जाती है, जिसमें भक्त अनुष्ठानिक उपवास और पूजा करते हैं.

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शारदीय नवरात्रि 2021: तारीख और समय:

इस साल, शरद नवरात्रि 7 अक्टूबर, 2021 से शुरू होकर 15 अक्टूबर 2021 को विजयादशमी (या दशहरा) के साथ समाप्त होगी.

7 अक्टूबर, 2021:प्रतिपदा

8 अक्टूबर, 2021: द्वितीया

9 अक्टूबर, 2021: तृतीया

10 अक्टूबर, 2021: पंचमी

11 अक्टूबर, 2021: षष्ठी

12 अक्टूबर 2021: सप्तमी

13 अक्टूबर 2021: अष्टमी

14 अक्टूबर, 2021: नवमी

15 अक्टूबर, 2021: विजयादशमी

(स्रोत: द्रिकपंचाग डॉटकॉम)

शारदीय नवरात्रि 2021: व्रत के दौरान इन 5 उपवास नियमों का पालन करें:

त्योहार के दौरान, लोग नौ दिनों तक उपवास करते हैं और देवी दुर्गा से आशीर्वाद लेते हैं. नवरात्रि के व्रत के दौरान भक्त  कुट्टू के आटे, शकरकंद, साबूदाना से बने हल्के सात्विक भोजन का आहार में लेते हैं. व्रत का खाना खाते समय कुछ लोग ऐसे भी हैं जो दिन भर फल खाना पसंद करते हैं. हम में से जो नवरात्रि के व्रतों से परिचित हैं, वे लोकप्रिय साबूदाना खिचड़ी, कुट्टू पुरी, सिंघाड़े का हलवा के बारे में अच्छी तरह से जानते हैं। उपवास की रस्में हर परिवार में अलग-अलग हो सकती हैं, लेकिन कुछ नियम ऐसे हैं जो सभी के लिए समान हैं. चलो इन पर एक नज़र डालें.

यहां 5 बुनियादी नियम दिए गए हैं जिन्हें उपवास करते समय ध्यान में रखना चाहिए:

1. मैदा/आटा से बचें:

साल के इस समय के दौरान, भक्त पारंपरिक रूप से अपने भोजन में साधारण आटे के बजाय सिंघाड़े का आटा और कुट्टू का आटा शामिल करते हैं.

2. सामान्य नमक से परहेज करें:

परंपरा के अनुसार, सात्विक भोजन सामान्य नमक के बजाय सेंधा नमक से तैयार किया जाता है. सेंधा नमक न सिर्फ खाने को हल्का बनाता है, बल्कि हमारे शरीर को पर्याप्त ठंडक देने के गुण भी प्रदान करता है.

3. फलों का सेवन:

फल ऊर्जा का भंडार हैं. यही कारण है कि ऊर्जा और जरूरी पोषक तत्वों से भरपूर होने के लिए हमेशा फलों को अपने आहार में शामिल करने की सलाह दी जाती है.

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4. दुध से बनें उत्पादों का सेवन करें:

दूध, दही, लस्सी, पनीर, छास को अपने आहार में शामिल करें और खोई हुई ऊर्जा की भरपाई करें. इसके अलावा, दूध आपको कैल्शियम, फाइबर और प्रोटीन सहित कई जरूरी पोषक तत्वों के साथ ऊर्जा देने में भी मदद करता है.

5. प्याज, लहसुन से परहेज करें:

व्रत के लिए सात्विक भोजन बनाते समय प्याज, लहसुन, चावल, दाल, सूजी जैसी चीजों से परहेज करना चाहिए. इसके अलावा, शराब और मांसाहारी भोजन की उपवास के दौरान सख्त मनाही होती है.

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