न्यूयॉर्क:
अख़बार में रोज़ शायद हमें एक न्यूज़ ऐसी सुनने को मिल जाती है, जिसमें मां बच्चे को नौ महीने से पहले ही जन्म दे देती है। ऐसी स्थिति में ये बच्चे नॉर्मल नहीं बल्कि सिजेरियन से पैदा होते हैं। समय से पहले ऑपरेशन यानी सिजेरियन के जरिए पैदा हुए बच्चों में रक्त कैंसर के खतरे की संभावना अधिक होती है।
शोध से मिली जानकारी के अनुसार, जो बच्चे समय से पहले ऑपरेशन से पैदा होते हैं, उनमें इम्मैच्योर व्हाइट सेल्स अधिक उत्पन्न होने लगते हैं। इससे एक्यूट लिंफोब्लॉस्टिक ल्यूकेमिया (एएलएल), एक प्रकार का ब्लड कैंसर, का ख़तरा बढ़ जाता है।
अमेरिकी की युनिवर्सिटी ऑफ मिनेसोटा मेडिकल स्कूल में सहायक प्रोफेसर और इस अध्ययन के मुख्य लेखक एरिन मार्कोटी ने बताया कि “हमारा लक्ष्य समय से पहले बच्चे की डिलीवरी होना और एएलएल रोग के बीच के संबंधों का आंकलन कर, कैंसर को रोकने के लिए संभावित नए उपायों की खोज करना था”। मार्कोटी के अनुसार “सिजेरियन डिलीवरी के ल्यूकेमिया रोग के साथ कुछ ख़ास संबंध नहीं मिले हैं। लेकिन समय से पहले सिजेरियन डिलीवरी और एएलएल के बीच के संबंधों की जानकारी ज़रूर प्राप्त हुई है”।
इस शोध के दौरान करीब 33,571 प्रतिभागियों में 23,351 प्रतिभागी और 8,655 एएलएल के रोगियों का आंकलन किया गया। रिज़ल्ट को देखने के बाद पता चला कि “समय से पहले सिजेरियन डिलीवरी द्वारा पैदा हुए बच्चों में एएलएल रोग की 23 प्रतिशत वृद्धि की संभावना होती है”।
यह शोध ‘द लैंसेट हेमैटोलॉजी’ नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
शोध से मिली जानकारी के अनुसार, जो बच्चे समय से पहले ऑपरेशन से पैदा होते हैं, उनमें इम्मैच्योर व्हाइट सेल्स अधिक उत्पन्न होने लगते हैं। इससे एक्यूट लिंफोब्लॉस्टिक ल्यूकेमिया (एएलएल), एक प्रकार का ब्लड कैंसर, का ख़तरा बढ़ जाता है।
अमेरिकी की युनिवर्सिटी ऑफ मिनेसोटा मेडिकल स्कूल में सहायक प्रोफेसर और इस अध्ययन के मुख्य लेखक एरिन मार्कोटी ने बताया कि “हमारा लक्ष्य समय से पहले बच्चे की डिलीवरी होना और एएलएल रोग के बीच के संबंधों का आंकलन कर, कैंसर को रोकने के लिए संभावित नए उपायों की खोज करना था”। मार्कोटी के अनुसार “सिजेरियन डिलीवरी के ल्यूकेमिया रोग के साथ कुछ ख़ास संबंध नहीं मिले हैं। लेकिन समय से पहले सिजेरियन डिलीवरी और एएलएल के बीच के संबंधों की जानकारी ज़रूर प्राप्त हुई है”।
इस शोध के दौरान करीब 33,571 प्रतिभागियों में 23,351 प्रतिभागी और 8,655 एएलएल के रोगियों का आंकलन किया गया। रिज़ल्ट को देखने के बाद पता चला कि “समय से पहले सिजेरियन डिलीवरी द्वारा पैदा हुए बच्चों में एएलएल रोग की 23 प्रतिशत वृद्धि की संभावना होती है”।
यह शोध ‘द लैंसेट हेमैटोलॉजी’ नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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