रानिल विक्रमसिंघे श्रीलंका के राष्ट्रपति बने
 
                                                                                                                गहराते आर्थिक संकट और राजनीतिक उथल-पुथल के बीच श्रीलंका की संसद ने प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को राष्ट्रपति चुन लिया. राष्ट्रपति बनने के बाद 73 वर्षीय विक्रमसिंघे ने सांसदों को धन्यवाद कहा. रानिल विक्रमसिंघे को 225 सांसदों में 134 का समर्थन मिला जबकि उनके विरोधी दुल्लास अलाहाप्पेरुमा को 82 सांसदों का समर्थन मिला.
रानिल विक्रमसिंघे से जुड़ी 10 बड़ी बातें
										- श्रीलंका के सिंहली परिवार में रानिल विक्रमसिंघे का जन्म 24 मार्च, 1949 में हुआ था. पेशे से वो वकील है. विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान रानिल यूनाइटेड नेशनल पार्टी की यूथ लीग में शामिल हो गए थे.
- महज 28 साल की उम्र में उन्होंने राष्ट्रपति जयवर्धने के अधीन उप-विदेश मंत्री का पद संभाला था. सबसे कम उम्र में मंत्री बनने का रिकॉर्ड उन्हीं के नाम है.
- उनकी मेहनत और क्षमता देख उन्हें जल्द ही तरक्की मिली. 1977 में वे पहली बार सासंद बने थे और 5 अक्टूबर 1977 को विक्रमसिंघे को फुल कैबिनेट पद मिल गया और वो युवा मामलों के मंत्री बने. साल 1980 की शुरुआत तक वो इस पद पर काबिज रहे.
- साल 1993 में तत्कालीन राष्ट्रपति रानासिंघे प्रेमदासा को एक आत्मघाती हमले में लिट्टे आतंकियों ने मार दिया था. उनकी मौत के बाद प्रधानमंत्री डीबी विजीतुंगा को कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया गया और 7 मई 1993 को विक्रमसिंघे को पहली बार देश का प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया था. उनका पहला कार्यकाल महज एक साल तक चला.
- विक्रमसिंघे दूसरी बार 2001 से 2004 तक पीएम रहे. इसके बाद वे 2015 से 2019 के बीच अलग-अलग मौकों पर तीन बार पीएम पद पर रहे. वो 6 बार श्रीलंका के प्रधानमंत्री रह चुके हैं औऱ वह संसद में दो बार विपक्षी नेता की भूमिका निभा चुके हैं.
- वो यूनाइटेड नेशनल पार्टी (UNP) के प्रमुख रहे हैं. विक्रमसिंघे श्रीलंका के उप विदेश मंत्री, युवा और रोजगार सहित कई बड़े पदों का कार्यभार संभाल चुके हैं.
- लम्बे राजनीतिक अनुभव के अलावे रानिल को वित्त मामलों का जानकार भी माना जाता है. और अपनी इसी खूबी की वजह से वे उस टीम के हिस्सा हैं जो अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से तीन अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज पर बात कर रही है.
- राष्ट्रपति पद संभालने के साथ ही रानिल का विरोध भी शुरू हो गया है. श्रीलंका में विरोध-प्रदर्शन में शामिल लोग राजपक्षे का साथी मानते हैं. उनका कहना है कि रानिल प्रदर्शनकारियों पर सख्ती दिखाएंगे.
- राजपक्षे के देश छोड़कर भागने के बाद रानिल ने एक्टिंग प्रेसिडेंट के तौर पर श्रीलंका में इमरजेंसी लगाई. जब प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति भवन में घुस आए थे तो उन्हें वहां से बाहर खदेड़ने के लिए रानिल ने ही पुलिस और सुरक्षा बलों को अधिकार दिए.
- रानिल को भारत का नजदीकी दोस्त माना जाता है. प्रधानमंत्री के तौर पर वो भारत का चार बार दौरा कर चुके हैं. अक्टूबर 2016, अप्रैल 2017, नवंबर 2017 और अक्टूबर 2018 में वो भारत आए थे. उनके शासनकाल के दौरान ही पीएम मोदी ने भी दो बार श्रीलंका का दौरा किया था.
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