प्रधानमंत्री के इस्तीफे के साथ ही कैबिनेट भी भंग कर दी गई.
श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया है, जिसके बाद उनके आधिकारिक आवास पर भीड़ ने हमला किया. एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार हजारों प्रदर्शनकारियों ने उनके आवास पर हमला किया और मुख्य द्वार को तोड़ दिया. इतना ही नहीं प्रवेश द्वार पर आग लगा दी. वहीं प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े. श्रीलंका में हालात बेहद ही खराब होते जा रहे हैं.
- प्रधानमंत्री महिंदा ने अपने त्याग पत्र में कहा कि वे सर्वदलीय अंतरिम सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त करने के लिए पद छोड़ रहे हैं. उन्होंने अपने इस्तीफा पत्र में लिखा, ‘‘मैं (आपको) सूचित करना चाहता हूं कि मैंने तत्काल प्रभाव से प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है. ये छह मई को हुई कैबिनेट की विशेष बैठक में आपके अनुरोध के अनुरूप है, जिसमें आपने कहा था कि आप एक सर्वदलीय अंतरिम सरकार बनाना चाहते हैं.''
- प्रधानमंत्री महिंद्रा राजपक्षे के इस्तीफे के साथ ही श्रीलंका में हिंसा भड़क गई है. दंगाइयों ने श्रीलंका के पूर्व पीएम महिंद्रा राजपक्षे के पैतृक घर में आग लगा. भीड़ ने पैतृक गांव मेदा मुलाना में विवादास्पद राजपक्षे संग्रहालय पर हमला किया और उसे धराशायी कर दिया. राजपक्षे के माता-पिता की दो मोम की मूर्तियों को भी नष्ट कर दिया गया.
- पुलिस ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के हंबनटोटा निर्वाचन क्षेत्र में सोमवार शाम उनके घर पर भी हमला किया गया.
- गुस्साई भीड़ ने पुत्तलम जिले में सत्ताधारी दल के विधायक सनथ निशांत के घर पर भी धावा बोल दिया और उनकी संपत्ति, वाहनों में आग लगा दी.
- राजपक्षे विरोधी प्रदर्शनकारियों के साथ संघर्ष में घायल हुए सरकारी समर्थकों को बचाने के लिए मुख्य कोलंबो राष्ट्रीय अस्पताल के डॉक्टरों ने हस्तक्षेप किया. एक डॉक्टर ने आपातकालीन इकाई के प्रवेश द्वार को अवरुद्ध करने वाली भीड़ से कहा कि वे हत्यारे हो सकते हैं, लेकिन हमारे लिए वे मरीज हैं जिनका पहले इलाज किया जाना चाहिए.
- घायल सरकारी समर्थकों को लाने के लिए सैनिकों को जबरन फाटक खोलने और अस्पताल में प्रवेश करने के लिए ताले तोड़ने पड़े.
- राजपक्षे समर्थकों द्वारा दिन में कोलंबो जाने के लिए इस्तेमाल की गई दर्जनों बसों को आग के हवाले कर दिया गया या क्षतिग्रस्त कर दिया गया. महारागामा के उपनगर में, एक भीड़ ने सरकार समर्थक समूह के एक नेता को बस से बाहर कर दिया और कचरे की गाड़ी में फेंक दिया. जबकि वाहन को बुलडोजर से टक्कर मार दी.
- पुलिस ने कहा कि भीड़ ने राजधानी छोड़ने वाले सरकारी समर्थकों को निशाना बनाने के लिए मुख्य एक्सप्रेसवे से बाहर निकलने पर भी कब्जा कर लिया था.
- वर्ष 1948 में ब्रिटेन से आजादी मिलने के बाद श्रीलंका अब तक के सबसे गंभीर आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है. ये संकट मुख्य रूप से विदेशी मुद्रा की कमी के कारण पैदा हुआ जिसका अर्थ है कि देश मुख्य खाद्य पदार्थों और ईंधन के आयात के लिए भुगतान नहीं कर पा रहा है.
- नौ अप्रैल से पूरे श्रीलंका में हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर हैं, क्योंकि सरकार के पास आयात के लिए धनराशि खत्म हो गई है. आवश्यक वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं. (भाषा इनपुट के साथ)
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