9 दिसंबर को तवांग में भारत-चीन के सैनिकों के बीच झड़प
अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच ताजा संघर्ष के मामले को उठाने के लिए विपक्ष ने कमर कस ली है, संसद में आज एक हंगामेदार बैठक की उम्मीद की जा रही है.
इस मामले से जुड़े ताजा अपडेट्स
- सेना के एक बयान में कहा गया है कि 9 दिसंबर की झड़प में "दोनों पक्षों के कुछ सैनिकों को मामूली चोटें आईं". जिसके बाद दोनों पक्ष "तुरंत क्षेत्र से हट गए".
- इस खबर के फैलने के तुरंत बाद, कांग्रेस ने कल केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार को संसद में इस मुद्दे पर चर्चा करके देश को भरोसे में लेने की जरूरत है.
- सरकारी सूत्रों ने कहा है कि केंद्र "किसी भी चर्चा से कभी नहीं डिगा है और तथ्यों के साथ तैयार है". सरकारी सूत्रों ने कहा है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को सदन के पटल पर बयान देना चाहिए या नहीं, इस पर फैसला लिया जाएगा.
- कांग्रेस के कई नेता इस मुद्दे पर चर्चा के लिए दोनों सदनों में स्थगन नोटिस देने वाले हैं. पार्टी ने आरोप लगाया है कि नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा सीमा मुद्दे को "दबाने" की प्रवृत्ति से चीन के दुस्साहस को बढ़ावा मिला है.
- हैदराबाद के सांसद और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी लोकसभा में इस मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव पेश करेंगे. उन्होंने केंद्र पर देश को अंधेरे में रखने का आरोप लगाया है और पूछा है कि संसद को झड़प के बारे में सूचित क्यों नहीं किया गया.
- कांग्रेस ने कल इस मुद्दे को लेकर सरकार पर चौतरफा हमला किया. पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, "हम राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर देश के साथ हैं और इसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहेंगे. लेकिन मोदी सरकार को अप्रैल 2020 से एलएसी के पास सभी बिंदुओं पर चीनी अतिक्रमण और निर्माण के बारे में ईमानदार होना चाहिए." "
- कांग्रेस के संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा कि विपक्षी दल चीनी कार्रवाइयों पर सरकार को "जागने" की कोशिश कर रहा है, लेकिन सत्तारूढ़ भाजपा "अपनी राजनीतिक छवि की रक्षा" करने के लिए चुप है.
- कांग्रेस ने गलवान झड़प के बाद दिए गए प्रधानमंत्री मोदी के भाषण का एक वीडियो भी ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने कहा, "किसी ने हमारी जमीन पर कब्जा नहीं किया और किसी ने भारत में प्रवेश नहीं किया और हमारी किसी भी पोस्ट पर किसी और का कब्जा नहीं है." इसमें कहा गया है, 'अगर चीन का नाम लिया जाता तो वह भारत की ओर आंख उठाने की हिम्मत नहीं करता.'
- टीएमसी ने राज्यसभा में नियम 267 के तहत नोटिस दिया, सरकार से आज (सुबह 11 बजे या दोपहर 2 बजे) भारत-चीन एलएसी मुद्दे पर संसद में बयान पेश करने के लिए कहा. वहीं आरजेडी लीडर मनोज झा और आप नेता राघव चड्ढ़ा ने भी इस मुद्दे पर राज्यसभा में सस्पेंशन नोटिस दिया.
- 2020 में लद्दाख की गालवान घाटी में एक भयंकर संघर्ष के बाद भारत और चीन के बीच संबंध बिगड़ गए, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. चीन ने स्वीकार किया है कि पांच चीनी सैन्य अधिकारी और सैनिक मारे गए थे, लेकिन ऐसा माना जाता है कि मरने वालों की संख्या अधिक थी.
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