राजस्थान के उदयपुर में आज से तीन दिवसीय कांग्रेस पार्टी का चिंतन शिविर शुरू हो रहा है. इस बीच खबर है कि पार्टी ने अंदरूनी आमूलचूल बदलाव के लिए कुछ खास शर्तों और नियमों पर चर्चा की है. इसमें उम्र का मुद्दा सबसे अहम है. इसके अलावा किसी परिवार से कुल कितने लोगों को टिकट दिया जा सकता है, इस पर भी पार्टी में चर्चा हो रही है. सूत्रों के मुताबिक एक परिवार में कुए एक टिकट देने पर ही सहमति बनी है. हालांकि, गांधी परिवार को इसमें ढील देने की भी बात सामने आ रही है. माना जा रहा है कि इन बिंदुओं पर उदयपुर में पार्टी नेता मंथन करेंगे.
- चिंतन शिविर की शुरुआत आज कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के संबोधन के साथ होगी. इसके बाद छह अलग-अलग समूहों में नेतागण चर्चा करेंगे और फिर इससे निकले निष्कर्ष को ‘नवसंकल्प' के रूप में कांग्रेस कार्य समिति 15 मई को मंजूरी देगी.
- राहुल गांधी शिविर के अंतिम दिन यानी 15 मई को शिविर को संबोधित करेंगे. पांच राज्यों में चुनावी हार के बाद कांग्रेस की यह बैठक हो रही है. चुनावी पराजय के चलते ‘‘अप्रत्याशित संकट'' का सामना कर रही कांग्रेस के शीर्ष नेताओं समेत 400 से अधिक पदाधिकारी पार्टी में नई जान फूंकने के लिए शुक्रवार से उदयपुर में तीन दिनों तक मंथन करेंगे.
- महत्वपूर्ण चुनावों से पहले कांग्रेस द्वारा शुरू किए गए सुधार प्रयासों के बीच, पार्टी राज्यसभा सदस्यों के लिए अधिकतम कार्यकाल की सीमा के अलावा अधिकतम आयु सीमा पर भी चर्चा कर रही है. माना जा रहा है कि इस चिंतन शिविर में पार्टी में कम से कम आधे पद 50 साल से नीचे की उम्र वाले नेताओं के लिए आरक्षित रखने पर विचार किया जाएगा.
- पार्टी नेताओं के अनुसार, इन प्रस्तावों को चिंतन शिविर में मंथन के लिए खुला छोड़ दिया जाएगा और विचार-मंथन सत्र में इस पर आगे की चर्चा की जाएगी. NDTV से बात करते हुए, राहुल गांधी के वफादार और तेलंगाना के महासचिव माणिक टैगोर ने कहा, "पार्टी को युवाओं को प्रतिनिधित्व देने की आवश्यकता है क्योंकि भारत की 60% आबादी 40 वर्ष से कम है. इसे हमारी पार्टी की सभी इकाइयों और पदों पर भी लागू करना होगा."
- 2014 के चुनावी हार के बाद पार्टी पुनरुद्धार योजना के तहत "एक परिवार एक टिकट" नियम शुरू कर सकती है. इस विवादास्पद नियम पर हाल ही में हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक में भी चर्चा हो चुकी है.
- इस दौरान पार्टी में ‘‘समयबद्ध एवं जरूरी बदलाव'' करने, ‘‘ध्रुवीकरण की राजनीति'' समेत विभिन्न मुद्दों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का कारगर ढंग से मुकाबला करने और अगले लोकसभा चुनाव के लिए खुद को तैयार करने पर मुख्य रूप से जोर दिया जाएगा.
- उदयपुर में 13-15 मई के बीच हो रहे इस चिंतन शिविर के बाद जो ‘नवसंकल्प' दस्तावेज जारी होगा, वह आगे के कदमों की घोषणा (एक्शनेबल डिक्लियरेशन) होगा. इसमें यह संदेश भी दिया जाएगा कि राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन के लिए ‘‘मजबूत कांग्रेस'' का होना जरूरी है.
- सूत्रों ने कहा कि इस शिविर में कांग्रेस अध्यक्ष के स्तर पर बदलाव को लेकर शायद चर्चा नहीं हो, क्योंकि इसके चुनाव की घोषणा पहले ही हो चुकी है.इस चिंतन शिविर में राजनीति, सामाजिक न्याय एवं सशक्तीकरण, अर्थव्यवस्था, संगठन, किसान एवं कृषि तथा युवाओं से जुड़े विषयों पर छह अलग-अलग समूहों में 430 नेता चर्चा करेंगे, यानी हर समूह में करीब 70 नेता शामिल होंगे.
- पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'आज, जब देश प्रजातांत्रिक, आर्थिक और सामाजिक ‘संक्रमणकाल' के दौर से गुजर रहा है, तब कांग्रेस एक बार फ़िर देश को प्रगति, समृद्धि और उन्नति के पथ पर लाने के लिए एक ‘नव संकल्प' की दृढ़ प्रतिज्ञा ले रही है.'
- उन्होंने महंगाई, बेरोजगारी, डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में गिरावट, अर्थव्यवस्था की स्थिति, देश के समक्ष खड़ी सुरक्षा संबंधी चुनौतियों का उल्लेख करते हुए आरोप लगाया कि इन समस्याओं पर पर्दा डालने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ध्रुवीकरण की राजनीति कर रही है.
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