महाराष्ट्र विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है...
शिवसेना (Shiv Sena) के एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde Oath) के महाराष्ट्र के नए सीएम और देवेंद्र फडणवीस के उपमुख्यमंत्री बनने के बाद महाराष्ट्र में सरकार के कामकाज की गतिविधियां भी तेज हो गई हैं.
पढ़ें इससे जुड़ी आठ बड़ी बातें
- अब महाराष्ट्र विधानसभा का विशेष सत्र 2 और 3 जुलाई को बुलाया गया है. इस विशेष सत्र में पहले दिन विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा.
- एकनाथ शिंदे ने पद संभालते ही प्रशासनिक काम भी शुरू कर दिया है. सूत्रों के मुताबिक- मुख्यमंत्री शिंदे ने महाराष्ट्र के एडवोकेट जनरल को आदेश दिए हैं कि मेट्रो कार शेड आरे में ही बनाया जाएगा, इस बारे में अदालत के सामने सरकार का पक्ष रखा जाए. अधिकारियों को इस बात के आदेश भी दिए हैं कि जलयुक्त शिवार योजना को पुनः शुरू करने के लिए जल्दी ही प्रस्ताव लाया जाए.
- बता दें कि शिवसेना के उद्धव ठाकरे नेतृत्व के खिलाफ नौ दिनों के विद्रोह के बाद गुरुवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले एकनाथ शिंदे ने खुद को शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे राजनीतिक उत्तराधिकारी के रूप में पेश करने का संकेत दिया. उन्होंने शपथ ग्रहण समारोह के ठीक बाद शिंदे ने अपने ट्विटर हैंडल की प्रोफाइल तस्वीर को बाला साहेब ठाकरे के साथ की एक फोटो से बदल दिया.
- सीएम एकनाथ शिंदे के साथ कैबिनेट की बैठक के बाद उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि हमारे पास फिर आपके साथ काम करने का अवसर है. आइए महाराष्ट्र को गतिशीलता और निर्णय लेने की क्षमता के साथ आगे ले जाने का प्रयास करें.
- शिंदे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि वे ही असली सेना हैं. उनका तर्क है कि उद्धव ठाकरे ने शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस के साथ गठबंधन करके बाल ठाकरे की हिंदुत्व विचारधारा को कमजोर किया है और ये "अप्राकृतिक गठबंधन" है.
- बता दें कि सीएम एकनाथ शिंदे के शपथ लेने के बाद उन्हें पीएम मोदी ने बधाई दी. पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा था कि मैं एकनाथ शिंदे जी को महाराष्ट्र के नए सीएम के तौर पर शपथ लेने की बधाई देता हूं. वो जमीन से जुड़े नेता हैं. राजनीति में उनका अनुभव महाराष्ट्र को नई ऊंचाइयों तक लेकर जाएगा. मैं उन्हें एक बार फिर बधाई देता हूं.
- पीएम ने देवेंद्र फडणवीस को महाराष्ट्र का डिप्टी सीएम बनने पर बधाई दी. उन्होंने कहा कि देवेंद्र फडणवीस बीजेपी के हर कार्यकर्ता के लिए एक प्रेरणा हैं. उनका अनुभव राज्य सरकार के लिए काफी फायदेमंद साबित होने वाला है. मुझे भरोसा है कि उनके सहयोग से राज्य के विकास की यात्रा और तेज होगी.
- गौरतलब है कि राज्य में कई दिनों से राजनीतिक उथापुथल के हालात थे. शिवसेना के दो तिहाई से ज्यादा विधायक पहले मुंबई से सूरत गए और वहां से फिर उन्हें गुवाहाटी भेज दिया गया. ये सभी विधायक उद्धव ठाकरे सरकार का विरोध कर रहे थे. इनकी मांग थी कि उद्धव ठाकरे महाअघाड़ी सरकार से बाहर आएं.
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