कैसा 'LIC 2.0'? लिस्टिंग के बाद बद से बदतर हुई बीमा कंपनी की परफॉर्मेंस: 5 बड़ी बातें

भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की बहुप्रचारित IPO लिस्टिंग होने के बाद कंपनी के शेयर का प्रदर्शन बद से बदतर हो गया है.

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नई दिल्ली:

भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की बहुप्रचारित IPO लिस्टिंग होने के बाद कंपनी के शेयर का प्रदर्शन बद से बदतर हो गया है.

  1. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर LIC का शेयर शुक्रवार को अपने सर्वकालिक इंट्रा-डे लो पर ₹ 800 की डुबकी लगाने के बाद अब तक के अपने सबसे निचले स्तर ₹800.25 प्रति शेयर पर बंद हुआ.
  2. हालांकि, स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने के कुछ दिनों बाद स्टॉक 920.00 के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया था. यह ₹949 प्रति शेयर के अपने इश्यू प्राइज (निर्गम मूल्य) से 15 प्रतिशत से अधिक नीचे है.
  3. शुक्रवार को कारोबार समाप्ति के बाद, एलआईसी का बाजार पूंजीकरण (एम-कैप) लगभग ₹5,06,158 रहा, जो इश्यू प्राइस से ₹94,000 करोड़ से अधिक के वैल्यूएशन लॉस को चिह्नित करता है और डिस्काउंटेड लिस्टिंग मूल्य से ₹ 51,517 करोड़ का नुकसान इंगित करता है.
  4. ₹949 के इश्यू प्राइज पर एलआईसी का एम-कैप ₹ 6,00,242 करोड़ था; जबकि बीएसई पर लिस्टिंग मूल्य के बाद एलआईसी का वैल्यूएशन 5,57,675 करोड़ रुपये तक गिर गया, जिसके परिणामस्वरूप LIC को लगभग ₹ 42,500 करोड़ का नुकसान हुआ है.
  5. हालांकि, बीमा दिग्गज के शेयर की कीमतों में गिरावट वैश्विक इक्विटी के व्यापक प्रदर्शन को ट्रैक करती है. बावजूद इसके स्टॉक का प्रदर्शन कंपनी के "एलआईसी 2.0" के रूप में इस चरण को परिभाषित नहीं कर पाया है.
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