देशी होवित्जर तोप का इस्तेमाल पहली बार हुआ.
ATAG( Advanced Towed Artillery Gun) होवित्जर तोप का इस्तेमाल ब्रिटिश निर्मित 25-पाउंडर्स के साथ किया गया था.
जानें होवित्जर तोप से जुड़ी पांच बड़ी बातें:
- इस आर्टिलरी गन को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित किया गया है. इसे दो फर्मों भारत फोर्ज और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड द्वारा निर्मित किया गया है.
- रक्षा मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार, एटीएजीएस की आयुध प्रणाली में मुख्य रूप से बैरल, ब्रीच मैकेनिज्म, मज़ल ब्रेक और रिकॉइल मैकेनिज्म शामिल है. इससे भारतीय सेना को लंबी दूरी तक सटीकता से फायर करने की क्षमता और शक्ति मिलती है.
- लंबे समय तक रखरखाव मुक्त और विश्वसनीय ऑपरेशन सुनिश्चित करने के लिए ATAG को सभी इलेक्ट्रिक ड्राइव के साथ कॉन्फ़िगर किया गया है. इसमें उच्च गतिशीलता, त्वरित तैनाती, सहायक पावर मोड, उन्नत संचार प्रणाली, स्वचालित कमांड और नियंत्रण प्रणाली के साथ रात में सीधे फायर मोड में फायरिंग क्षमता के साथ उन्नत सुविधाओं के साथ 40 किलोमीटर की फायरिंग रेंज होती है.
- DRDO ने भारतीय सेना के तोपखाने के आधुनिकीकरण कार्यक्रम को तेजी से चलाया है. पुणे में Armament Research and Development Establishment(ARDE) रक्षा निकाय की अन्य प्रयोगशालाओं के साथ-साथ एटीएजी के डिजाइन और विकास के लिए डीआरडीओ की नोडल प्रयोगशाला है.
- यह बंदूक भारतीय सेना के टॉवर हॉवित्जर बेड़े का मुख्य हथियार बने रहने की उम्मीद है. इसे बोफोर्स हॉवित्जर की जगह इस्तेमाल किया जाएगा.
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