जोशीमठ को बचाने के लिए बैठकों का दौर जारी, केंद्र ने बनाया विशेष प्लान; 10 बातें

उत्तराखंड के जोशीमठ के जमीन में आयी दरार को लेकर बैठकों का दौर जारी है. सरकार छोटी, मध्यम और लंबी अवधि की योजना तैयार कर रही हैं.

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नई दिल्ली:

उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन में आयी दरार को लेकर बैठकों का दौर जारी है. जोशीमठ के लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए आज भी बैठक हुई. प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा स्थिति की समीक्षा करने के बाद सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि केंद्रीय एजेंसियां ​​योजना तैयार करने में उत्तराखंड सरकार की मदद कर रही हैं और बचाव दल को भी स्टैंडबाय पर रखा गया है.

  1. अधिकारियों ने एनडीटीवी को बताया कि विशेषज्ञ संकट से निपटने के लिए एक छोटी, मध्यम और लंबी अवधि की योजना तैयार कर रहे हैं.
  2. वर्षों से, विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि जोशीमठ में और उसके आसपास पनबिजली परियोजनाओं सहित बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य से भूमि धंस सकती है.
  3. राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की एक टीम और राज्य आपदा बल की चार टीमें जोशीमठ में तैनात की गयी है. एनडीटीवी को पता चला है कि प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने का कार्य भी जारी है.
  4. पीएमओ की तरफ से कहा गया है कि स्पष्ट समयबद्ध पुनर्निर्माण योजना तैयार की जानी चाहिए. निरंतर भूकंपीय निगरानी की जानी चाहिए इस अवसर का उपयोग करते हुए जोशीमठ के लिए एक जोखिम संवेदनशील शहरी विकास योजना भी विकसित की जानी चाहिए.
  5. सचिव सीमा प्रबंधन और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण या एनडीएमए के सदस्य कल राज्य का दौरा करेंगे और स्थिति की समीक्षा करेंगे, सूत्रों ने पीएम कार्यालय द्वारा समीक्षा बैठक के बाद एनडीटीवी को बताया.
  6. प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने वाले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज अधिकारियों के साथ बैठक की और राहत कार्यों में तेजी लाने के लिए नियमों में ढील देने का आदेश दिया.
  7. नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर, हैदराबाद और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग, देहरादून को सेटेलाइट इमेजरी के जरिए जोशीमठ का अध्ययन करने और तस्वीरों के साथ एक विस्तृत रिपोर्ट जमा करने का आदेश दिया गया है.
  8. पूरे मामले को लेकर जहां स्थानीय लोग जलवायु परिवर्तन और निरंतर बुनियादी ढांचे के विकास को दोष दे रहे हैं. वहीं विशेषज्ञों का तर्क है कि विभिन्न प्रकार के कारक - मानव गतिविधि और प्राकृति दोनों ही इसके लिए जिम्मेदार हैं.
  9. राज्य के चमोली जिले में जोशीमठ और उसके आसपास सभी निर्माण गतिविधियां, जिनमें चारधाम ऑल वेदर रोड (हेलंग-मारवाड़ी बाईपास) और एनटीपीसी की जल विद्युत परियोजना जैसी मेगा परियोजनाएं शामिल हैं, को निवासियों की मांग पर रोक दिया गया है.
  10. जोशीमठ देश के सबसे भूकंपीय रूप से सक्रिय क्षेत्रों में से एक के अंतर्गत आता है - आधिकारिक तौर पर जोन-वी (बहुत गंभीर तीव्रता क्षेत्र) के रूप में वर्गीकृत किया गया है.
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