दोनों सदनों की संयुक्त बैठक के बाबत 1280 सांसद लोकसभा चैंबर में बैठ सकते हैं. (फाइल फोटो)
 
                                                                                                                देश के नई संसद भवन का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने आज उद्घाटन किया. नई संसद के इंटीरियर में तीन राष्ट्रीय चिह्न - कमल, मोर और बरगद का वृक्ष शामिल हैं, जो इसकी थीम हैं. नई संसद भवन का निर्माण टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड ने किया है.
नई संसद से जुड़ी10 बड़ी बातें
										- पुरानी संसद का आकार गोल है, जबकि नए संसद भवन को तिकोने आकार में डिजाइन किया गया है. अभी लोकसभा में 590 और राज्यसभा में 280 लोगों की सिटिंग कैपेसिटी है. जबकि नए संसद भवन की बात करें तो लोकसभा में 888 सीटें हैं और विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्यादा लोगों के बैठने का इंतजाम है.
- नए संसद भवन की बात करें तो लोकसभा में 888 सीटें हैं और विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्यादा लोगों के बैठने का इंतजाम है. नई राज्यसभा में 384 सीटें हैं और विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्यादा लोगों के बैठने की क्षमता है. दोनों सदनों के जॉइंट सेशन के वक्त लोकसभा में ही 1272 से ज्यादा सांसद साथ बैठ सकते हैं.
- नए संसद भवन में अहम कामकाज के लिए अलग ऑफिस बनाए गए हैं, जो हाईटेक सुविधाओं से लैस हैं. कैफे, डाइनिंग एरिया, कमेटी मीटिंग के तमाम कमरों में भी हाईटेक इक्विपमेंट लगाए गए हैं. कॉमन रूम्स, महिलाओं के लिए लाउंज और VIP लाउंज की भी व्यवस्था की गई है.
- नई संसद में संविधान हॉल भवन के बीचों बीच बना हुआ है. इसके ऊपर अशोकस्तंभ लगा है. कहा जा रहा है कि इस हॉल में संविधान की कॉपी रखी जाएगी. साथ ही महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सुभाषचंद्र बोस, देश के प्रधानमंत्रियों की बड़ी तस्वीरें भी लगाई गई हैं.
- संसद के नवनिर्मित भवन को गुणवत्ता के साथ रिकॉर्ड समय में तैयार किया गया है. नई संसद केंद्र सरकार के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का हिस्सा है. इसका निर्माण 15 जनवरी 2021 को शुरू हुआ था. इसे बनाने का टेंडर टाटा प्रोजेक्ट को साल 2020 के सितंबर में दिया गया था. नए संसद भवन के आर्किटेक्ट बिमल पटेल हैं. नया संसद भवन पूरी तरह से भूकंपरोधी है.
- नए संसद भवन के निर्माण के लिए बलुआ पत्थर राजस्थान के सरमथुरा से, सागौन (टिक वुड) की लकड़ी महाराष्ट्र के नागपुर से मंगाई गई है. कार्पेट उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से मंगवाए गए हैं. त्रिपुरा की राजधानी अगरतला से बांस की लकड़ी की फ्लोरिंग मंगवाई गई है.
- त्रिपुरा की राजधानी अगरतला से बांस की लकड़ी की फ्लोरिंग मंगवाई गई है.स्टोन जाली वर्क्स राजस्थान के राजनगर और उत्तर प्रदेश के नोएडा से लिए गए हैं. अशोक प्रतीक को महाराष्ट्र के औरंगाबाद और राजस्थान के जयपुर से मंगवाया गया है. अशोक चक्र को मध्य प्रदेश के इंदौर से लिया गया है. लाल लाख राजस्थान के जैसलमेर से मंगवा गया है.
- इसी राज्य के अंबाजी से सफेद संगमरमर पत्थर खरीदे गए हैं. केसरिया ग्रीन स्टोन उदयपुर से मंगवाया गया है. एम-सैंड को हरियाणा के चकरी दादरी, फ्लाई ऐश ब्रिक्स को एनसीआर हरियाणा और उत्तर प्रदेश से खरीदा गया था.
- ब्रास वर्क और प्री-कास्ट ट्रेंच गुजरात के अहमदाबाद से लिए गए. एलएस/आरएस फाल्स सीलिंग स्टील संरचना दमन और दीव से ली गई. इसके अलावा भी अन्य चीजें देश विदेश से मंगाई गई हैं.
- संसद के निचले सदन लोकसभा में लोकसभा अध्यक्ष के आसन के समीम पवित्र सिंगोल को रखा गया है. सिंगोल को सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक माना जाता है. यह काम संसद में पहली बार हुआ है.
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