Yogini Ekadashi 2023: सालभर में 24 एकादशी पड़ती हैं जिनमें से एक है योगिनी एकादशी. एकादशी तिथि का विशेष धार्मिक महत्व होता है. माना जाता है जो भक्त एकादशी पर भगवान विष्णु (Lord Vishnu) का पूजन करते हैं उन्हें श्रीहरि की विशेष कृपा मिलती है और जीवन सुखमय बनता है. योगिनी एकादशी की बात करें तो यह एकादशी आषाढ़ मास में मनाई जाती है. इस एकादशी के दिन भक्त व्रत रखते हैं, पूजा-पाठ करते हैं व योगिनी एकादशी की कथा सुनते हैं. यहां जानिए इस व्रत की तिथि और पूजा के शुभ मुहूर्त के बारे में.
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योगिनी एकादशी की तिथि | Yogini Ekadashi Date
पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 14 जून, बुधवार के दिन पड़ रही है. एकादशी तिथि सुबह 9 बजकर 29 मिनट से शुरू होगी और इसका अंत अगले दिन यानी 14 जून की सुबह 8 बजकर 48 मिनट पर होगा. उदया तिथि के अनुसार योगिनी एकादशी का व्रत 14 जून के दिन रखा जाएगा और व्रत का पारण 15 जून के दिन किया जाएगा. 14 जून के दिन ही एकादशी पूजा की जाएगी.
एकादशी के दिन खास योग भी बन रहा है. 14 जून के दिन सूर्य और बुध ग्रह वृषभ राशि में रहकर बुधादित्य राजयोग बनाएंगे. इस योग को ज्योतिष शास्त्र में बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है.
योगिनी एकादशी की पूजा- योगिनी एकादशी के दिन सुबह उठकर स्नान पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण किए जाते हैं.
- इस दिन पीला रंग पहनना शुभ माना जाता है क्योंकि मान्यतानुसार पीला रंग भगवान विष्णु का प्रिय होता है.
- भगवान विष्णु की पूजा करने के लिए चौकी सजाई जाती है और उसपर विष्णु भगवान की प्रतिमा रखते हैं.
- इसके अतिरिक्त, भगवान विष्णु पर पीले फूलों की माला अर्पित की जाती है.
- विष्णु भगवान को तिलक लगाया जाता है.
- पूजा सामग्री में तुलसी दल, फल, मिठाइयां और फूल आदि सम्मिलित किए जाते हैं.
- श्रीहरि की पूजा करते हुए आरती गाना बेहद शुभ माना जाता है. कहते हैं ऐसा करने पर भगवान विष्णु प्रसन्न हो जाते हैं.
- इस दिन योगिनी एकादशी की कथा सुनना भी शुभ माना जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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