Lord Ganesha: भगवान गणेश को क्यों पसंद है मोदक, पद्म पुराण की ये कथा है बेहद दिलचस्प

Lord Ganesha: भगवान गणेश (Ganesha) देवताओं में प्रथम पूज्य माने जाते हैं. यानी इनकी पूजा सभी देवताओं (God) से पहले की जाती है. पद्म पुराण में भगवान गणेश और मोदक से जुड़ी दिलचस्प कथा का वर्णन है.

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
Lord Ganesha: भगवान गणेश की पूजा सबसे पहले की जाती है. गणेश जी को मोदक बेहद पसंद है.
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • भगवान गणेश को पसंद है मोदक
  • पद्म पुराण में है कथा का वर्णन
  • गणेशजी ने सबसे पहले की माता-पिता की परिक्रमा
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।

Lord Ganesha: पुराणों के मुताबिक भगवान गणेश (Ganesha) देवताओं में प्रथम पूज्य हैं यानी इनकी पूजा सभी देवताओं (God) से पहले की जाती है. पद्मपुराण (Padma Purana) के सृष्टि खंड में वर्णन मिलता है कि किस प्रकार भगवान गणेश (Lord Ganesha) देवताओं में पूज्य हैं. साथ ही इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि गणेशजी को मोदक (Modak) क्यों पसंद है. दरअसल गणेशजी को मोदक क्यों पसंद है, इसके बारे में पद्म पुराण में एक कथा का वर्णन किया गया है. आइए पद्म पुराण अनुसार जानते हैं ये कथा. 

पद्म पुराण में है कथा का वर्णन


पद्म पुराण की कथा के अनुसार, किसी समय में माता पार्वती ने शिवजी को पति के रूप में पाने के लिए घोर तपस्या कीं. माता पार्वती और भगवान शिव के संयोग से गणेश और स्कंद नामक दो पुत्रों का जन्म हुआ. कहते हैं कि उन दोनों को देखकर देवतागण अत्यंत प्रसन्न हुए और उन्होंने माता पार्वती अमृत से बना हुआ एक मोदक भेंट किया. वह मोदक इनता आकर्षक था कि उसकी सुंगध से मानों पूरा वातावरण खिल उठा. दोनों बालक उसे मां पार्वती से खाने के लिए मांगने लगे. तब माता पार्वती ने कहा कि जो धर्म से श्रेष्ठ आचरण करेगा, उसे ही वह मोदक दिया जाएगा. 

बुद्धिमान निकले गणेशजी

माता की बातों को सुनकर स्कंद मयूर पर बैठकर तीनों लोगों की यात्रा पर निकल पड़े. वे कुछ ही समय में सभी तीर्थों का स्नान कर वापस आ गए. वहीं दूसरी ओर गणेशजी स्कंद से भी बुद्धिमान निकले. वे माता-पिता की परिक्रमा कर के माता-पिता के सामने खड़े हो गए, क्योंकि उन्हें पता था कि माता-पिता की भक्ति से बढ़कर कोई दूसरा धर्म नहीं है.

भगवान गणेश के मिला दिव्य मोदक

स्कंद जब पूरी सृष्टि की परिक्रमा करने के बाद लौटकर आए तो माता पार्वती से मोदक मांगने लगे. तब माता पार्वती ने कहा कि गणेश पूरी श्रद्धा के साथ अपने माता-पिता की परिक्रमा की है जो सैकड़ों गुणों से भी बढ़कर है. इसलिए देवताओं द्वारा दिए गए दिव्य मोदक पर वास्तविक अधिकार गणेश का है. इतना कहने के बाद माता पार्वती ने वह मोदक भगवान गणेश को दिया. साथ ही माता पर्वती ने यह भी कहा कि माता-पिता की भक्ति के कारण प्रत्येक शुभ कार्य में सबसे पहले गणेशजी की पूजा होगी. इसके बाद भगवान गणेश ने बेहद प्यार से उस दिव्य मोदक को खाया. माना जाता है कि तभी से भगवान गणेश को मोदक बेहद प्रिय है.  

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

Featured Video Of The Day
Delhi Blast Case में 6 दिन बाद पहली गिरफ्तारी, फिदायीन हमलावर Umar का सहयोगी गिरफ्तार | Syed Suhail
Topics mentioned in this article