सावन में 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन करें अपनी राश‍ि अनुसार, फ‍िर हर मनोकामना होगी पूरी

Jyotirling visit according to Rashi: श्रावण माह में 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन का भी बहुत महत्व होता है. मान्यता है कि इस माह में किसी एक भी  ज्योतिर्लिंग का दर्शन कर लेने से भाग्य बदल जाता है.

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सावन में महीने में यहां जरूर जाइए.

Jyotirling visit according to Rashi: हिंदू धर्म में भगवान शिव की पूजा का बहुत महत्व है. देश भर में भगवान शिव के कई मंदिर हैं लेकिन उनमें 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन को अत्यंत फलदाई माना जाता है. श्रावण मास आने वाला है और यह हिन्दू पंचांग अत्यंत पुण्यदायी माह माना जाता है. श्रावण माह भगवान शिव को समर्पित होता है और इस पूरे माह शिव भक्त शिवलिंग को जल चढ़ाने के साथ साथ श्रावण सोमवार का व्रत रखते हैं. इस माह में 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन का भी बहुत महत्व होता है. मान्यता है कि इस माह में किसी एक भी ज्योतिर्लिंग का दर्शन कर लेने से भाग्य बदल जाता है. हालांकि राशि के अनुसार ज्योतिर्लिंग के दर्शन से बहुत ज्यादा लाभ प्राप्त हो सकता है. इंस्टाग्राम पर aradhanapal अकाउंट के पोस्ट में से राशि के अनुसार ज्योतिर्लिंग के दर्शन के बारे में बताया गया है. आइए जानते हैं किस राशि वाले को जरूर करना चाहिए किस ज्योतिर्लिंग के दर्शन.

किस राशि वाले को करना चाहिए कौन से ज्योतिर्लिंग के दर्शन (Which Jyotirling should you visit according to Rashi)

मेष राशि

मेष राशि के जातकों को रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग का दर्शन करना चाहिए. चार धामों में शामिल इस तीर्थ के बारे में  मान्यता है कि भगवान श्रीराम ने लंका पर विजय से पहले यहां शिवलिंग की स्थापना की थी. इसे सेतुबंध तीर्थ भी कहते हैं. 

वृषभ राशि

वृषभ राशि वाले जातकों सोमनाथ ज्योतिर्लिंग का दर्शन करना चाहिए. गुजरात के सौराष्ट्र में स्थित सोमनाथ को प्रथम ज्योतिर्लिंग माना जाता है. मान्यता है कि चंद्रदेव ने दक्ष प्रजापति के श्राप से मुक्ति पाने के लिए यहां शिव की तपस्या की थी. सोमनाथ में पूजा करने से क्षय रोग और अन्य शारीरिक कष्ट दूर होते हैं और यहां के सोमकुंड को पापनाशक माना गया है.

मिथुन राशि

मिथुन राशि के जातकों के लिए नागेश्वर ज्योतिर्लिंग का दर्शन सबसे ज्यादा पुण्यदायी है. गुजरात के द्वारका के पास स्थित नागेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन से हर प्रकार का भय और बाधा समाप्त हो जाती है.

कर्क राशि

कर्क राशि के जातकों को ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग का दर्शन करना अत्यंत लाभप्रद माना जाता है. मध्य प्रदेश के इंदौर में नर्मदा नदी के किनारे स्थित यह मंदिर ॐ के आकार का है. यहां दर्शन करने से शिवलोक की प्राप्ति होती है.

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सिंह राशि

सिंह राशि वालों को बाबा बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग का दर्शन करना चाहिए. झारखंड के देवघर में स्थित इस नौवें ज्योतिर्लिंग का चिताभूमि भी कहा जाता है. मान्यता है कि श्रावण में यहां जलाभिषेक करने से हर प्रकार की बीमारी और दुख से मुक्ति मिलती है.

कन्या राशि

 कन्या राशि वाले लोगों को मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने चाहिए. आंध्रप्रदेश के श्रीशैल पर्वत पर स्थित मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग के बारे में मान्यता है कि इसके दर्शन मात्र से अश्वमेध यज्ञ के बराबर फल प्राप्त होता है और विवाह संबंधित समस्याओं से मुक्ति मिलती है.

तुला राशि

 तुला राशि वालों को उज्जैन के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का दर्शन जरूर करना चाहिए. महाकालेश्वर एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है और मान्यता है कि महाकालेश्वर के दर्शन से जीवन के सभी भय और काल के भय को दूर हो जाते हैं.

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि वालों को श्री घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन जरूर करने चाहिए. 12 ज्योतिर्लिंगों में श्री घृष्णेश्वर अंतिम स्थान पर हैं. संभाजीनगर के पास स्थित इस मंदिर से घृष्णेश्वर देवी के नाम से भी जुड़ा है. मान्यता है कि श्री घृष्णेश्वर  के दर्शन से संतान सुख, विवाह योग और पारिवारिक समस्याओं से मुक्ति प्राप्त होती है.

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धनु राशि

धनु राशि वालों को काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग का दर्शन करना उत्तम है. उत्तर प्रदेश में काशी विश्वनाथ मंदिर के कारण शिव नगरी मानी जाती है. मान्यता है कि प्रलय में जब सब कुछ नष्ट हो जाएगा, तब भी काशी और वहां का शिवलिंग अडिग रहेगा.

मकर राशि 

मकर राशि वालों को महाराष्ट्र में स्थित भीमाशंकर के दर्शन करना चाहिए. मान्यता है कि भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध करने के बाद यहां विश्राम किया था. ज्योतिर्लिंग भीमा नदी के किनारे स्थित है और भीमा नदी शिव शक्ति की प्रतीक मानी जाती है.  

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कुंभ राशि

कुंभ राशि वालों को केदारनाथ का दर्शन जरूरी है. उत्तराखंड में हिमालय की गोद में स्थित केदारनाथ को भगवान शिव का प्रिय धाम माना जाता है.

मीन राशि

मीन राशि वालों के लिए त्रयंबकेश्वर ज्योर्तिलिंग का दर्शन जरूरी माना गया है. महाराष्ट्र के नासिक में स्थित त्रयंबकेश्वर ज्योर्तिलिंग में तीन मुखों वाले शिवलिंग की पूजा की जाती है, जो ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतीक है.

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