Faith news : कलावा बांधने के क्या हैं फायदे और कैसे इसे बांधा जाता है जानिए सही तरीका यहां...

Dharm news : मौली को हाथ में बांधने से त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश का आशीर्वाद और देवी सरस्वती, लक्ष्मी और पार्वती की अनुकूलता भी बनी रहती है. इसलिए लोग कलावा धारण करते हैं.

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'' येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:, तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि रक्षे माचल माचल:''

Kalava badhne ke niyam : हिन्दू धर्म शास्त्रों में कलावा और मौली का विशेष महत्व है. जब भी कोई पूजा पाठ होती है घर में तो पंडित जी हर सदस्य को मौली बांधते हैं कलाई में. आपको बता दें कि कलावा बांधने से जीवन में आने वाले सारे कष्ट दूर होते हैं. सकारात्मकता बनी रहती है. आपको बता दें कि मौली को हाथ में बांधने से त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश का आशीर्वाद और देवी सरस्वती, लक्ष्मी और पार्वती की अनुकूलता भी बनी रहती है. इसलिए लोग कलावा धारण करते हैं. इस लेख में हम आपको कलावा कैसे बांधते हैं इसका सही तरीका (right way to tie kalava) क्या है उसके बारे में बताएंगे. 

कलावा बांधने का तरीका | how to tie kalava

  • कलावा को बांधते समय '' येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:, तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि रक्षे माचल माचल:'' का मंत्र जाप करना चाहिए. इसके अलावा कलावा को 3 या 5 बार ही लपेटना चाहिए कलाई में.

  • आपको बता दें कि जब भी आप कलावा बांधे तो मुट्ठी को बंद करके रखें. एक और चीज अपने बही खाते, तिजोरी की चाबी में रक्षा सूत्र बांधने से धन का लाभ होता है. 

  • कलावा कुंवारी लड़कियों को और पुरुषों को दाहिने हाथ में और विवाहित स्त्रियों को बाएं हाथ में बांधना चाहिए. वहीं, जब कलावा पुराना हो जाए तो उसे पीपल के पेड़ के नीचे रख दें या फिर नदी में प्रवाहित कर देना चाहिए.

  • कलाई पर कलावा बांधने से वात, पित्त और कफ संबंधी परेशानियों से भी राहत मिलती है. यहीं नहीं मौली बांधने से ब्लड प्रेशर, हृदय संबंधी रोग, डायबिटीज और पैरालिसिस जैसे रोगों से भी बचाव होता है. यह सूत्र ना सिर्फ धार्मिक बल्कि वैज्ञानिक रूप से भी महत्व रखता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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