Ganesh Chaturthi 2025 : विनायक चतुर्थी का व्रत हर महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को रखा जाता है. इस दिन विघ्नहर्ता की विधि-विधान से और उपवास करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है. यह व्रत उन लोगों के लिए विशेष रूप से फलदायी हो सकता है, जो कार्यक्षेत्र में सफल और काम-काज में आने वाली बाधाओं दूर करना चाहते हैं. ऐसे में यह महत्वपूर्ण व्रत पौष माह यानी की जनवरी में कब पड़ रहा है, पूजा का शुभ मुहूर्त, विधि और मंत्र क्या है आइए जान लेते हैं...
महाकुंभ से जुड़ी सभी जानकारी के लिए यहां क्लिक करें-
कब है विनायक चतुर्थी 2025 - When is Vinayaka Chaturthi 2025
हिन्दू पंचांग के अनुसार, नए साल की पहली विनायक चतुर्थी शुक्ल चतुर्थी (Shukla chaturthi) दिन शुक्रवार यानी 3 तारीख को रात 1 बजकर 8 मिनट से शुरू होगी, जो इसी दिन रात 11 बजकर 39 मिनट पर समाप्त हो जाएगी.
विनायक चतुर्थी पूजा-विधि - Vinayak Chaturthi Puja Vidhi
- इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर लीजिए, फिर स्वच्छ कपड़े धारण कर लीजिए.
- इसके बाद आप पूजा की जगह को अच्छे से साफ कर लें और वहां लाल या पीला कपड़ा बिछाकर भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र रखें.
- भगवान गणेश को हल्दी, चंदन, फूल, माला अर्पित करें.
- फिर आप गणेश जी को विशेष रूप से मोदक, लड्डू या उनका प्रिय भोग अर्पित करें और उनकी पूजा करिए.
- वहीं, आरती के लिए संभव हो तो घी का दीपक जलाएं.
- पूजा समाप्त होने के बाद प्रसाद सभी में वितरित कर दीजिए.
- आपको बता दें कि अगर आप पूजा के बाद गणेश जी की प्रतिमा या मूर्ति को विसर्जित करते हैं, तो चतुर्थी तिथि के समाप्त होने से पहले करना शुभ होता है.
किस मंत्र का जाप करें - Which mantra should you chant
इस दिन आप ''ॐ गं गणपतये नम: " मंत्र का 108 बार जाप करें.
चंद्र दर्शन का क्या है महत्व - What is the importance of Chandra Darshan
आपको बता दें कि विनायक चतुर्थी के दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद पूजा पूर्ण रूप से संपन्न होती है. मान्यता है कि विनायक चतुर्थी को अर्घ्य देने से जीवन में सुख शांति और समृद्धि बनी रहती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)