Venus Planet Zodiacs: शुक्र का प्रभाव रहता है इन 2 राशियों पर, मान्यता है इस कारण शुक्र देव की रहती है विशेष कृपा

Venus Planet Zodiacs: ज्योतिष में प्रत्येक राशि के गुण-अवगुण और स्वभाव के बारे में बताया गया है. शुक्र ग्रह की दो राशियां हैं. कहा जाता है कि इन पर शुक्र का अधिक प्रभाव रहता है.

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Venus Planet Zodiacs: ज्योतिष शास्त्र   (Astrology) में प्रत्येक राशि (Zodiac) के गुण-अवगुण और स्वाभाव के बारे में बताया गया है. साथ ही सभी 12 राशि के लिए अलग-अलग स्वामी ग्रह (Swami Grah) के बारे में भी बताया गया है. इसके अलावा ज्योतिष में शुक्र (Venus) को धन, वैभव और विलासिता का माना जाता है. 12 राशि में से दो राशियां ऐसी हैं  जिसका संबंध शक्र ग्रह (Venus Planet) से माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक शुक्र की दो राशियां वृषभ (Taurus) और तुला (Libra) हैं. आइए जानते हैं कि शुक्र की दो राशियां कौन-कौन सी हैं और उसका जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है. 


शुक्र की पहली राशि है वृषभ (Taurus is the first sign of Venus) 


वृषभ राशि खूबसूरती और सौंदर्य की राशि मानी जाती है. इस राशि के जातक काफी आकर्षक और बुद्धिमान माने जाते हैं. माना जाता है कि इस राशि में चंद्रमा काफी मजबूत होता है. इस राशि के लोग प्रशासन, शिक्षा और सौंदर्य के क्षेत्र में खूब सफलता प्राप्त करते हैं. हालांकि इस राशि के लोगों को जिद्दी स्वभाव और गुस्से पर नियंत्रण करने की सलाह दी जाती है. साथ ही इस राशि के जातकों को करियर में स्थिरता लाने की सलाह दी जाती है. यानि इस राशि के जातकों को बार-बार करियर में परिवर्तन से बचना चाहिए. इसके अलावा इस राशि के जातकों को पूर्णिमा का व्रत रखने के लिए कहा जाता है. इनके लिए शिवजी की उपासना लाभकरी साबित हो सकता है. 

शुक्र की दूसरी राशि है तुला (Libra Is The Second Sign of Venus) 


तुला राशि ग्लेमर की राशि मानी जाती है. इस राशि शनि काफी मजबूत होता है. वहीं इस राशि का सूर्य कमजोर होता है. तुला राशि के जातक कला, संगीत और शिक्षा के क्षेत्र में खूब सफलता अर्जित करते हैं. करियर की शुरुआत में इस राशि के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. हालांकि बाद में इन्हें सफलता मिलती है. तुला राशि वालों को मन की चंचलता से बचने की सलाह दी जाती है. इस राशि के जातकों को प्रेम और विवाह के मामले में विवाह को लेकर सावधान रहने की सलाह दी जाती है. साथ ही समय की बर्बादी से बचने के लिए कहा जाता है. इसके अलावा यथासंभव शिदेव की उपसना करने वलिए कहा जता है. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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