Right Direction of 7 Horse Painting: अक्सर आपने देखा होगा कि आप बहुत ज्यादा मेहनत करते हैं लेकिन फिर भी आपको सफलता नहीं मिलती. दरअसल वास्तु शास्त्र के अनुसार यह ऐसा इसीलिए होता है क्योंकि नकारात्मक शक्तियां सफल नहीं होने देते हैं. ऐसे में मन परेशान हो जाता है. लेकिन वास्तु शास्त्र में इस समस्या का हल है. वास्तुशास्त्र में ऐसे बहुत सारे तरीके हैं जिनसे आप नकारात्मक शक्तियों को खुद से और घर से दूर रख सकते हैं. वास्तु शास्त्र के अनुसार 7 दौड़ते घोड़ों की पेंटिंग आपको कई मामलों में सफलता दिला सकती है. आपने कभी सोच है कि पेंटिंग में हमेशा 7 दौड़ते हुए घोड़ों को ही क्यों प्रदर्शित किया जाता है. दरअसल शास्त्रों के अनुसार 7 अंक सार्वभौमिक या प्राकृतिक माना जाता है. जैसे सप्ताह के 7 दिन, इंद्रधनुष के 7 रंग, सप्तऋषि, शादी में सप्तपदी, सात जन्म इत्यादि. सात घोड़ों की तस्वीर को सर्वोतम माना गया है. मगर, इसे वास्तु के हिसाब से सही दिशा में लगाने से ही अच्छा फल मिलता है. आइए जानते हैं घोड़ों की ये पेंटिंग किस दिशा में लगानी चाहिए.
7 दौड़ते घोड़ों की पेंटिंग की सही दिशा
- अगर आप घर में सात घोड़ों के रथ पर सवार सूर्य देव की पेंटिंग लगाती हैं तो यह बहुत ही शुभ होती है. आपको शुभ फल चाहिए तो आपको पूर्व दिशा में इस पेंटिंग को लगाना चाहिए.
यदि आप कार्यक्षेत्र में पदोन्नति का इंतजार कर रहे हैं तो ऐसे में दौड़ते हुए घोड़ों की तस्वीर घर की केवल उत्तर दिशा में ही लगाना शुभ माना जाता है.
- जीवन में नाम, यश और सम्मान पाने के इच्छुक हैं तो घर की दक्षिण दिशा में दौड़ते हुए घोड़ों की तस्वीर लगा सकते हैं. इससे आपको जीवन में जल्दी तरक्की मिलेगी और चारों दिशा में आपके काम की तारीफ होगी.
- यदि आप दक्षिण दिशा में दौड़ते हुए घोड़ों की पेंटिंग नहीं लगा पा रहे हैं तो घर के मुख्य द्वार की खिड़की पर डाउढ़ते हुए घोड़ी की मूर्ति रख सकते हैं. बस ध्यान रहे कि घोड़े का मुंह खिड़की से बाहर देख रहा हो.
- अगर आप कर्ज से परेशान है तो आप पश्चिमी दिशा में आर्टिफिशियल घोड़े का जोड़ा रखें. इससे घर में सुख समृद्धि और लक्ष्मी का हमेशा वास रहता है.
- सफेद घोड़े सकारात्मक ऊर्जा के प्रतीक होते हैं. आप जहां भी यह तस्वीर लगाएं ध्यान रखें कि उसमें घोड़े सफेद ही हों. यह घर और ऑफिस की नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर सकारात्मक ऊर्जा लाते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)