Vastu Plant : भोलेनाथ को करना है खुश तो इस दिन लगाएं काले धतूरे का पौधा, फिर देखिए कैसे पलटती है किस्मत

Plant for Shiv ji : भगवान शिव का आशीर्वाद आप पर बना रहे इसके लिए धतूरे के पौधे को जरूर अपने बागीचे में लगाएं. इसकी नियमित रूप से पूजा करने से भोले शंकर बहुत प्रसन्न होते हैं. तो चिलए जानते हैं शिव देव को अत्यंत प्रिय यह पौधा किस दिन लगाना चाहिए.

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Vastu Tips : भगवान शिव को प्रिय है काले धतूरे का फूल.

Kala Dhatura plant : अगर आप शिव भक्त हैं तो उनसे जुड़ी कुछ बातों के बारे में जान लेना आपके लिए जरूरी है ताकि, उनकी पूजा अर्चना में कोई कमी न रह जाए. आपको बता दें कि हिंदू धर्म में कई ऐसे पेड़ पौधे हैं जिसमें देवी-देवताओं का वास होता है, जैसे- पीपल, केला, शमी, तुलसी, केला आदि. इसी तरह से धतूरे के पौधे में भगवान शिव (lord shiva) का विद्यमान होते हैं, ऐसी मान्यता है. इसके नीले फूल भोलेनाथ को बहुत प्रिय हैं, इसलिए भगवान शिव का आशीर्वाद आप पर बना रहे धतूरे के पौधे (Kala Dhatura plant) को जरूर अपने बगीचे में लगाएं. इसकी नियमित रूप से पूजा करने से भोले शंकर बहुत प्रसन्न होते हैं. तो चलिए जानते हैं शिव देव को अत्यंत प्रिय यह पौधा किस दिन लगाना चाहिए.

काला धतूरा लगाने के लिए यह दिन है शुभ |  Auspicious day for planting black dhatura.

इस पौधे को लगाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास नहीं होता है. इससे घर में सकारात्मकता, सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, काला धतूरा लगाने का अच्छा दिन रविवार या मंगलवार है. इसके अलावा आप इसे किसी भी शुभ दिन पर लगा सकते हैं. काले धतूरे की बात करें तो यह गहरे बैगनी रंग का होता है, वहीं पत्तियों में काली होती है, इसलिए इसका नाम काला धतूरा रखा गया. भगवान शिव को धतूरे का ही फूल चढ़ाया जाता है पूजा पाठ में. 


भगवान शिव की पूजा में इन बातों का रखें ध्यान | Keep these things in mind in Shiv Puja 

-आपको बता दें कि हर शुभ कार्य में हल्दी का प्रयोग किया जाता है, लेकिन शिव की पूजा में हल्दी का इस्तेमाल वर्जित है. ऐसी मान्यता है कि हल्दी सौंदर्य प्रसाधन है और शिवलिंग पुरुषत्व का प्रतीक है इस वजह से इनकी पूजा में हल्दी का इस्तेमाल नहीं किया जाता है.


- भगवान शिव को कनेर और कमल का फूल चढ़ाया जाता है. केतकी और केवड़े का फूल भोले शंकर कभी अर्पित न करें. वहीं भगवान शिव को कुमकुम और रोली भी नहीं लगाई जाती है.

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- शिव कथा में कभी भी शंख नहीं बजाया जाता है. इसके पीछे का कारण है कि भोले शंकर ने शंखचूर नामक असुर का वध किया था इसलिए, इनकी कथा में शंख वर्जित है.


 - वहीं, नारियल पानी से कभी भी भगवान शिव का अभिषेक नहीं करना चाहिए. इसके अलावा तुलसी का पत्ता भी भोले शंकर को नहीं चढ़ाया जाता है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


 

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